असंध में राहुल गांधी की पहली विजय संकल्प रैली में कुमारी सैलजा ने हुड्डा का पूरे सम्मान के साथ नाम लिया तो हुड्डा ने भी सैलजा को मान-सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखी।
हुड्डा के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कुमारी सैलजा को पार्टी की वरिष्ठ नेता बताते हुए राहुल गांधी के समक्ष सभी नेताओं की एकजुटता का संदेश दिया। राहुल ने सैलजा व हुड्डा की नाराजगी दूर करने के लिए हेलीपैड पर दोनों से काफी देर बातचीत की।
सैलजा पिछले कई दिनों से नाराज चल रही थीं। सत्ता के केंद्रीकरण के पिछले अनुभवों को याद करते हुए सैलजा भविष्य में इसे दोहराने के हक में नहीं थी।
सैलजा को नजरअंदाज का रिस्क नहीं लेना चाहते
हुड्डा के सामने स्वयं को कई बार सीएम पद का दावेदार घोषित कर चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के दौरान सैलजा ने कहा था कि सरकार में सबको और समान हिस्सेदारी मिलनी चाहिये।राज्य में चूंकि दलित 20 से 22 प्रतिशत के बीच हैं, इसलिए कांग्रेस हाईकमान सैलजा की नाराजगी को नजरअंदाज करने का रिस्क नहीं लेना चाहता था। यही वजह है कि उनकी सारी बातों पर सहमति जताई गई। असंध रैली के अंत में राहुल गांधी ने ठीक उसी तरह का संदेश दिया, जिस तरह की इच्छा सैलजा ने जताई थी।
राज्य में सबकी सरकार होगी- राहुल
राहुल साफतौर पर कहकर गये कि राज्य में सबकी सरकार होगी। कांग्रेस हाईकमान यह अच्छी तरह से जानता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा न केवल हरियाणा बल्कि उत्तर भारत के प्रमुख नेता हैं। उनका न सिर्फ जाटों बल्कि गैर जाटों में भी पूरा वजूद है। हुड्डा के पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा भारत की संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे। भारतीय संविधान पर बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर के साथ हुड्डा के पिता चौधरी रणबीर सिंह के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं।
राहुल गांधी ने की बड़ी पहल
राज्य में तीन कृषि कानूनों के विरोध में बड़ा आंदोलन खड़ा करने में हुड्डा ने ही अहम भूमिका निभाई थी। इसके बावजूद राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि सैलजा की नाराजगी की वजह से पार्टी को किसी तरह का नुकसान हो। इसलिए उन्होंने दोनों के गिले शिकवे दूर कराने की बड़ी पहल की।राहुल गांधी ने मंच पर सैलजा और हुडडा दोनों को सम्मान देने के लिए उनके कान में भी बात की। हुड्डा ने उदयभान की तरह सैलजा को वरिष्ठ नेता बताया।
रैली खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने हेलीपैड पर हुड्डा और सैलजा दोनों को मिलकर चलने की सलाह दी। दोनों के गिले-शिकवे दूर कराए। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवालाा असंध और बरवाला दोनों रैलियों में नहीं पहुंचे। उनके बेटे आदित्य कैथल से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने बेटे के निर्वाचन क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखी।
हरियाणा के दर्द की नब्ज को पकड़ा राहुल गांधी
चुनावी महासमर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को धमाकेदार एंट्री ली। जीटी रोड बेल्ट पर असंध और बागड़ के बरवाला में रैली कर राहुल ने हरियाणा के दर्द की नब्ज को बखूबी पकड़ा। उन्होंने करनाल, पानीपत, सफीदों व हिसार की 17 सीटों को साधा।
राहुल गांधी ने अपने 29 मिनट के भाषण में हरियाणा के कई ज्वलंत मुद्दे बेरोजगारी, डोंकी रूट से देश पलायन, किसान, जवान, पहलवान और संविधान के बारे में भाजपा को जमकर घेरा।उन्होंने संविधान और आरक्षण बचाने की पुरजोर पैरवी करते हुए यह संदेश दिया कि कांग्रेस जातिगत जनगणना करवाकर दलितों, पिछड़ों व गरीबों को किस तरह पूरा हक देना चाहती है।प्रदेश में लगभग 22 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जिन्हें राहुल के संविधान बचाने की इस लड़ाई में कांग्रेस के साथ जोड़ने की पूरी कोशिश की है। इस 22 प्रतिशत वोटर का लगभग 35 सीटों पर प्रभाव है। वहीं, पिछड़ा वर्ग के भी 33 प्रतिशत वोट हैं।
बुधवार को प्रधानमंत्री ने दलितों को साधने की कोशिश करते हुए कांग्रेस पर आरक्षण को खत्म करने की साजिश के आरोप लगाए तो जवाब में राहुल ने दलितों का हितैषी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल
राहुल की रैलियों से कांग्रेस को नये समीकरण बनने की उम्मीद नजर आ रही है। हिसार से पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने से हिसार व जींद की कई सीटों पर असर देखने को मिल सकता है।
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युवाओं की दर्द भरी कहानी मंच से सुनाई
आम तौर पर चुनावी रैलियों में घोषणाएं और लच्छेदार भाषण सुनने को मिलते हैं, लेकिन राहुल गांधी ने बिना किसी भूमिका के असंध और बरवाला दोनों स्थानों पर रैलियों में लोगों से संवााद किया।
उन्होंने अपनी अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए डोंकी रूट से विदेश जाने वाले हरियाणा के युवाओं की दर्द भरी कहानी मंच से सुनाई। अमेरिका में उनसे मिले करनाल के युवकों ने बताया कि किस तरह जमीन बेचकर व मोटे ब्याज पर पैसा लेकर वे विदेश आए हैं।
कांग्रेस ने दिया किसानों और पहलवानों का साथ
देश में पिछले दिनों दो बड़ी लड़ाई चर्चा में रही। तीन कृषि कानूनों को वापस कराने की लड़ाई में कई किसानों की मृत्यु हुई, जिनकी याद में कांग्रेस ने अपने गारंटी पत्र में शहीद स्मारक बनाने की घोषणा की और उनके स्वजन को सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है।
इस मुद्दे को राहुल गांधी ने खूब उठाया। पहलवान खिलाड़ियों ने दिल्ली में आंदोलन कर भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर केस दर्ज करवाया। इन दोनों ही लड़ाई में हरियाणा का अहम योगदान रहा है। दोनों रैलियों के मंच से हुड्डा ने राहुल की भारत जोड़ो यात्राओं का जिक्र किया।राहुल गांधी ने कांग्रेस र्यकर्ताओं में यह कहते हुए जोश भरा कि आमतौर पर बब्बर शेर अकेला दिखाता है, लेकिन यहां पर हजारों शेर एक साथ हैं।
भाजपा पर हमलावर हुए हुड्डा
असंध में आयोजित रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा किसानों को केंद्र में रखकर भाजपा पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सुबह से झूठ बोलना शुरू करते हैं। भाजपा कहती है कि 24 फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं। 24 फसल तो हरियाणा में होती भी नहीं हैं।मंडियों में धान की खरीद नहीं हो रही है और किसानों को मजबूरी में 500 रुपये तक कम रेट में उसे बेचना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार खरीद शुरू ही नहीं कर रही है।
भाजपा ने 10 साल धोखे से किया राज
सैलजा सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी ने देश में कांग्रेस का परचम लहरा दिया है। इनके सामने देश में कोई नेता टिक नहीं पा रहा है। हरियाणा में भाजपा ने 10 साल धोखे से राज करने का काम किया है, जिसे अब बदलने का वक्त आ गया है।
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