Haryana News: करनाल में राइस मिल के सुपरवाइजर की हत्या, वजनी पत्थर से बंधे केमिकल टैंक में मिला शव
Haryana News करनाल में एआर राइस मिल के सुपरवाइजर की हत्या कर केमिकल टैंक में शव को फेंक दिया। शव को वजनी पत्थर से बांधकर टैंक में फेंका गया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने कहा कि पवन कुमार की किसी से रंजिश नहीं थी। दो सिक्योरिटी गार्डों पर हत्या का शक जताया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, करनाल। काछवा-शाहपुर रोड स्थित बंद पड़े एआर राइस मिल का निरीक्षण करने आए सुपरवाइजर की हत्या कर वजनी पत्थर से हाथ-पैर बांधकर शव केमिकल के टैंक में फेंक दिया। वारदात का राजफाश छह दिन बाद वीरवार को हुआ। हत्या का शक मिल के दो सिक्योरिटी गार्डों पर जताया जा रहा है। पुलिस जांच में जुटी है।
गार्डों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पवन कुमार (32) सोनीपत के गांव सिकंदरपुर माजरा का रहने वाला था। वह 24 अगस्त को घर नहीं पहुंचा तो स्वजन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
बताया कि पवन की किसी से रंजिश नहीं थी। वह अपनी ड्यूटी के बाद घर और घर से ड्यूटी आता था। यह भी बताया था कि 24 अगस्त को वह बंद पड़े मिल में निरीक्षण करने गया था और तभी से कुछ पता नहीं चल पा रहा था। उसका मोबाइल फोन भी स्विच आफ आ रहा था और बाइक गायब थी।
शव कई दिन पुराना
सदर थाना पुलिस वीरवार को बंद पड़े मिल में छानबीन करने पहुंची। यहां मिल के एक कमरे में खून के निशान मिले। पवन का मोबाइल भी टूटा हुआ मिला। इससे पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने मिल में खोजबीन की तो केमिकल के टैंक में पवन का हाथ-पैर बंधा शव पत्थर से बंधा मिला।
हत्या का कारण तो अभी स्पष्ट नहीं है। शव पोस्टमार्टम के लिये भेजा है। डीएसपी हेडक्वार्टर नायब सिंह ने बताया कि शव कई दिन पुराना लग रहा है। हत्या कर शव को टैंक में फेंका गया है। अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। आगे की जांच की जा रही है।
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हत्या के कारण स्पष्ट नहीं
पवन के स्वजन ने बताया कि उसकी किसी से रंजिश नहीं थी। वह अपनी ड्यूटी के बाद घर और घर से ड्यूटी आता था। निरीक्षण के दौरान ही हत्यारों से उसकी कोई कहासुनी हुई होगी। हत्यारे भी तभी से उसकी बाइक लेकर फरार हैं।
चार लोगों से उठ सका पत्थर
पवन के शरीर पर चोट के निशान और कमरे की दीवार व खून से सने गद्दों को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या से पहले पवन को काफी यातनाएं दी गई। उसने जान बचाने के लिये भी काफी संघर्ष किया। जिस पत्थर से पवन के शव को बांधकर टैंक में फेंका था, वह काफी वजनी था।
पहले तो टैंक से पत्थर समेत शव निकालने के लिये आठ लोगों को दम लगाना पड़ा। मजबूत रस्सी की मदद से शव और पत्थर को बाहर निकाला गया। इसके बाद खाली पत्थर को उठाने के लिये चार लोगों को लगना पड़ा।
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