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Haryana Pollution: वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लेकर गंभीर नहीं अधिकारी, बोर्ड ने लिया अब यह बड़ा फैसला

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों के अनुसार किसी भी हाल में प्रदूषण होने से रोकना होगा। प्रदूषण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से वन विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारी भी पौधारोपण के निर्धारित लक्ष्य को हरसंभव पूरा करेंगे ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके।

By Yash palEdited By: Shubham SharmaUpdated: Thu, 19 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लेकर गंभीर नहीं अधिकारी। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, करनाल। एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लेकर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डीजी सेट के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देशों की पालना नहीं की जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशानुसार 1 अक्टूबर 2023 से डीजी सेट के नए नियम एनसीआर क्षेत्र में लागू हैं और दोहरी ईंधन किट या ईसीडी का रेट्रो फिटमेंट जहां भी आवश्यक हो पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बावजूद एनसीआर क्षेत्र में डीजल जेन सेट के उपयोग किया जा रहा है। अस्पतालों, आवासीय कार्यालय परिसरों, वाणिज्य संस्थानों आदि को इस मामले पर गंभीरता बरतने पर आदेश हैं। सीएक्यूएम डायरेक्शन का कार्यान्वयन, जीआरएपी दिशा संख्या 75, सीएक्यूएम डायरेक्शन रेग जेनरेटर सेट का कार्यान्वयन, पर्यावरण क्षतिपूर्ति निधि का उपयोग, निर्माण से संबंधित सभी विभागों एवं इकाइयों द्वारा डस्ट पोर्टल आदि बारे लोगों को अभी जागरूक होना बाकी है।

बोर्ड के नियमों का नहीं हो रहा पालन

विभाग की ओर से जरनेटर सेट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग करने बारे प्रेरित किया गया ताकि वायु प्रदूषण रोकने में मदद मिल सके। सड़को पर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संंबंधित विभागों द्वारा एंटी स्मॉक गन को उपयोग, वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना को सुनिश्चित नहीं किया जा सका है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों के अनुसार किसी भी हाल में प्रदूषण होने से रोकना होगा। प्रदूषण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से वन विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारी भी पौधारोपण के निर्धारित लक्ष्य को हरसंभव पूरा करेंगे ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके।

बोर्ड के पास पर्याप्त मात्रा में फंड

जिले में धूल व मलबे के निस्पादन करने के लिए नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारी यंत्र खरीदने हेतु प्रस्ताव तैयार करके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास भेजना सुनिश्चित किया गया है। बोर्ड के पास पर्याप्त मात्रा में फंड उपलब्ध है। साथ ही सड़क बनाते समय, सड़क पर पानी का छिड़काव करवाते रहें।

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