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Haryana: हरियाणा में पीपीपी मॉडल पर खुलेंगे सैनिक स्कूल, CM मनोहर लाल बोले- बड़ी संख्या में तैयार होंगे अग्निवीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को सैनिकों की खान कहा जाता है। सेना में भर्ती होने वाला हर 10वां जवान यहां से है। 2008 में रेवाड़ी में दूसरा सैनिक स्कूल खोला गया। झज्जर के मातनहेल में भी स्कूल खोलने जा रहे हैं। 2021 में 61 एकड़ जमीन दी जा चुकी है। स्कूल के प्रिंसिपल विजय राणा ने स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

By Pawan sharmaEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 18 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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प्रदेश के विभिन्न जिलों में खुलेंगे सैनिक स्कूल: मनोहर (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, करनाल। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर सैनिक स्कूल खोले जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं की सेना में भागीदारी बढ़ेगी। बड़ी संख्या में अग्निवीर तैयार होंगे।

सैनिक स्कूलों के विद्यार्थियों ने राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। वह कुंजपुरा सैनिक स्कूल में अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कुंजपुरा सैनिक स्कूल को आधारभूत ढांचे के लिए 10 करोड़ रुपये की ग्रांट देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पहली बार अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन गर्व की बात है। कई प्रतिभागियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन का मौका मिलेगा। इसमें विभिन्न सैनिक स्कूलों के 650 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। खेल अनुशासन और दृढ़ निश्चयी होना सिखाते हैं।

प्रधानमंत्री से मिली बेटियों को प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार इन प्रतियोगिताओं में गर्ल्स कैडेटों ने भाग लिया जो नारी सशक्तीकरण का पर्याय है। यह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की भावना को चरितार्थ करता है। प्रधानमंत्री ने 2015 में हरियाणा से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था। उनकी प्रेरणा से बेटियों को तीन वर्ष पहले सैनिक स्कूलों में प्रवेश मिलना शुरू हुआ।

हमारे जवान, किसान व पहलवान तीनों धाकड़

मनोहर लाल ने कहा कि इस प्रतियोगिता से खिलाड़ी नई प्रेरणा लेकर जाएंगे। सरकार ने प्रदेश को स्पोर्ट्स पावर हाउस बनाने के लिए खेल संस्कृति विकसित की है। ग्राम से राज्य स्तर तक खेलों का बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। प्रदेश में जय जवान, जय किसान के साथ जय पहलवान का नारा सार्थक किया है। उन्होंने कहा कि हमारे जवान, किसान और पहलवान तीनों धाकड़ हैं।

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प्रदेश बना खेल हब

मुख्यमंत्री ने कहा कि 19वें एशियाई खेल में राज्य के खिलाड़ियों ने 107 में 30 पदक जीते। यह गौरव की बात है। प्रदेश खेल हब बन चुका है। खेल व खिलाड़ी से प्रदेश का अटूट संबंध है। देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना 1961 से की गई। तब से एनडीए, आइएमए, ओटीए, आइएएनए, एएफए व अन्य प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों में कैडेटों को शामिल करने में ये स्कूल सराहनीय योगदान दे रहे हैं। यहां के विद्यार्थियों ने प्रशासनिक सेवाओं, न्यायपालिका, चिकित्सा, इंजीनियरिंग व राजनीतिक क्षेत्र में भी नाम कमाया है।

हमारा प्रदेश सैनिकों की खान

उन्होंने कहा कि प्रदेश को सैनिकों की खान कहा जाता है। सेना में भर्ती होने वाला हर 10वां जवान यहां से है। 2008 में रेवाड़ी में दूसरा सैनिक स्कूल खोला गया। झज्जर के मातनहेल में भी स्कूल खोलने जा रहे हैं। 2021 में 61 एकड़ जमीन दी जा चुकी है। स्कूल के प्रिंसिपल विजय राणा ने स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विजेताओं को शुभकामनाएं दी।

ये खिलाड़ी व टीम सम्मानित

मुख्यमंत्री ने बास्केटबाल, वालीबाल, हाकी में प्रथम व दूसरे स्थान पर रही टीमों को ट्राफी देकर सम्मानित किया। वालीबाल में नगरोटा सैनिक स्कूल के इखलाक हसन, बास्केटबाल में कुंजपुरा के अमन मलिक, हाकी में तिलैया के शुभम कुमार को श्रेष्ठ खिलाड़ी और तिलैया के ही सचिन को बेस्ट गोलकीपर के रूप में सम्मानित किया।

उन्होंने ओवरआल स्कूल के रूप में सैनिक स्कूल तिलैया और ओवरआल ग्रप में डी ग्रुप को ट्राफी से नवाजा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कुंजपुरा सैनिक स्कूल की टीम को ट्राफी दी गई। 30 से अधिक सैनिक स्कूलों के करीब 650 खिलाडिय़ों ने भाग लिया। इससे पूर्व प्रतिभागियों ने मार्च पास्ट किया।

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