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'इन्हें अनुभव ज्यादा है', कंगना के किसान आंदोलन वाले बयान पर SAD (अमृतसर) के चीफ सिमरनजीत मान ने की विवादित टिप्पणी

मंडी संसदीय सीट से सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut Controversial Statement) के बयान पर हरियाणा के करनाल में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के चीफ सिमरनजीत सिंह ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ज्ञात हो कि कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने मंडी सांसद और भाजपा की आलोचना की।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 29 Aug 2024 04:43 PM (IST)
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'उन्हें अनुभव ज्यादा है...', सिमरनजीत सिंह ने कंगना के बयान पर की टिप्पणी

एएनआई, करनाल। हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से सांसद कंगना रनौत के विवादस्पद बयान से मानो राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया।

भाजपा सांसद द्वारा किसान आंदोलन पर दिए गए बयान पर विपक्षी नेताओं ने जमकर बीजेपी की आलोचना की। इसी कढ़ी में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह ने भी कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। सिमरनजीत सिंह ने कंगना को लेकर जो बात कही है, वह काफी आपत्तिजनक है।

दरअसल, प्रेसमकर्मियों ने जब सिमरनजीत सिंह से पूछा कि कंगना के बयान पर वह क्या कहना चाहते हैं तो मान ने कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता। लेकिन (कंगना) रनौत को अनुभव ज्यादा है। उन्होंने यह बात बलात्कार से जोड़कर कही। इस तरह से सिमरनजीत सिंह ने कंगना को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की।

कंगना ने क्या कहा था

दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो पंजाब में आंदोलन के समय बांग्लादेश जैसी स्थिति बन सकती थी।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान औरतों से बलात्कार हो रहे थे और वहां लाशें लटक रही थीं। कंगना के इस बयान ने विवाद का रूप ले लिया। मंडी सांसद के इस बयान पर भाजपा ने भी असहमति प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें नीतिगत विषयों पर बोलने की अनुमति नहीं है।

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कौन हैं सिमरनजीत सिंह मान

79 वर्षीय सिमरनजीत सिंह मान पंजाब की संगरूर सीट से सांसद रहे हैं। वह पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के चीफ हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह मीत हेयर ने उन्हें हरा दिया था।

उस दौरान पहले नंबर पर गुरमीत सिंह रहे, दूसरे स्थान पर सुखपाल सिंह खैहरा और तीसरे नंबर पर सिमरनजीत सिंह मान रहे थे। शिअद-अमृतसर के चीफ को इस सीट से 187246 वोट मिले थे।

सन् 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार से आहत होकर उन्होंने आइपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में जाने का फैसला किया। सिमरनजीत सिंह मान को पहली बार 1989 में तरनतारन की जनता ने संसद तक उस समय पहुंचाया था, उस दौरान वह जेल में बंद थे।

करीब 5 लाख वोट के अंतर से उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की थी। उसके बाद संगरूर की जनता ने 1999 में अकाली व कांग्रेसी दिग्गजों को पिछड़कर मान को संसद की सीढ़ियां चढ़ाई।

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