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Karnal Weather: पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक, बूंदाबांदी के आसार

मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच अब करनाल में नए साल में पहली बारिश की स्थितियां बन रही हैं। ऐसा यहां और आसपास के क्षेत्र में पहले पश्चिमी विक्षोभ के दस्तक देने के चलते संभव होगा। वहीं इसके चलते बूंदाबांदी और हल्की बारिश की प्रबल संभावना बनी हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 12 Jan 2023 07:51 AM (IST)
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पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक, बूंदाबांदी के आसार, करनाल
करनाल, जागरण संवाददाता : मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच अब करनाल में नए साल में पहली बारिश की स्थितियां बन रही हैं। ऐसा यहां और आसपास के क्षेत्र में पहले पश्चिमी विक्षोभ के दस्तक देने के चलते संभव होगा। वहीं इसके चलते बूंदाबांदी और हल्की बारिश की प्रबल संभावना बनी हुई है। इस बीच कड़ाके की ठंड का जनजीवन पर व्यापक प्रभाव लगातार दिख रहा है। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की जिला कृषि मौसम सेवा की ओर से डा. योगेश कुमार ने बताया कि करनाल जिले में वीरवार सुबह से लेकर 13 जनवरी के बीच बिखरी हुई बूंदाबांदी और हल्की बरसात की गतिविधियां दर्ज होने की संभावना है।

15 जनवरी से मौसम हो जाएगा बिलकुल साफ

वहीं ताजा पश्चिमी विक्षोभ का अब 14 जनवरी को पर्वतीय क्षेत्रों में अंतिम दिन होगा। 15 जनवरी से पहाड़ों पर मौसम बिल्कुल साफ होने के आसार हैं। इधर 15 जनवरी से पूरे करनाल और आसपास के क्षेत्रों में मौसम साफ हो जाएगा। दूसरी ओर, पश्चिमी विक्षोभ के आगे गुजर जाने के बाद मैदानी इलाकों में जबरदस्त शीतलहर के साथ कोहरे की वापसी होगी। पश्चिमी विक्षोभ गुजरने के साथ ही इस दौर में आगामी कोल्डवेव की स्थिति पूरी तरह साफ हो सकेगी। इस बीच करनाल में फिलहाल न्यूनतम तापमान आठ से नौ डिग्री के बीच बना हुआ है। जबकि अधिकतम तापमान का स्तर 13 से 15 डिग्री के बीच है। अब पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते इसमें काफी बदलाव हो सकता है।

सब्जियों और फलदार पौधों को शीत लहर से बचाने की जरुरत 

पाले से बचाने की जरूरत मौसमी प्रभाव के संदर्भ में डा. योगेश ने सलाह दी कि इन दिनों शाम के समय जिस ओर से हवा आ रही है, उसी ओर फसल में घास-फूस जलाकर धुआं करना चाहिए। इससे खेत का तापमान बढ़ जाता है तथा भूमि का तापमान हिमांक बिंदु तक नहीं पहुंच पाता। नतीजतन पाले का हानिकारक प्रभाव फसल पर नहीं पड़ता। इसी प्रकार किसान चने की फसल में सूंडी की विशेष निगरानी रखें। सब्जियों और फलदार पौधों को शीत लहर से बचाने के लिए उसमें आवश्यकतानुसार सिंचाई , निराई -गुड़ाई करें। दिन के समय पशुओं को हल्की धूप लगाएं। रात के तापमान में गिरावट को देखते हुए पशुपालकों को सलाह है कि वे पशु को बाड़े के अंदर रखें।

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