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Haryana News: करनाल के 18 हजार से ज्यादा किसानों ने किया पराली का प्रबंध, दिया जाएगा 18 करोड़ रुपये का इनाम

इस साल करनाल के 18 हजार 7 सौ किसानों ने पराली का प्रबंधन किया है और इसको लेकर सहभागिता करने वाले किसानों को अब इनाम दिया जाएगा। सरकार की ओर से पराली प्रबंधन को लेकर प्रति एकड़ किसानों को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि इनाम के तौर पर दी जाएगी। ऐसे में करनाल के किसानों को पराली प्रबंधन के लिए कुल 18 करोड़ रुपये से ज्दाया राशि दी जाएगी।

By Kapil Kumar Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Tue, 26 Dec 2023 03:43 PM (IST)
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धान की फसल काटने के बाद पराली का प्रबंधन करता किसान (फाइल फोटो)

कपिल पूनिया, करनाल। Farmers Will Get Rewards For Manaing Stubble In Karnal: पराली प्रबंधन में करनाल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इसमें सहभागिता करने वाले किसानों को अब इनाम दिया जाएगा। इस बार जिले के 18700 किसानों ने पराली प्रबंधन किया है। सरकार की ओर से पराली प्रबंधन को लेकर प्रति एकड़ किसानों को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

इस आधार पर करनाल के किसानों को पराली प्रबंधन के लिए कुल 18 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की जाएगी। पराली प्रबंधन में अव्वल स्थान पाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से जिले के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को सम्मानित भी किया गया है।

इस साल भी ज्यादा रहा धान का रकबा

धान के उत्पादन और रकबे के मामले में करनाल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। इस बार भी करनाल में धान का रकबा चार लाख हेक्टेयर से अधिक रहा। धान के सीजन में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का कारण हरियाणा और पंजाब में फसल अवशेष जलाने को माना जाता है।

फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। ताकि किसान पराली का प्रबंध करके प्रदूषण को सुरक्षित रख सकें। धान के रकबे के मामले में सबसे बड़ा जिला होने के साथ सीएम सिटी होने के नाते करनाल में इस बार सभी 432 गांवों में कृषि विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम तैनात रही।

अवशेष जलने पर तय की इनकी जिम्मेदारी

फसल अवशेष जलने पर संबंधित गांव के सरपंच और ग्राम सचिव की जिम्मेदारी तय की गई। जिले में तीन साल में पराली जलाने के मामले में अपार सफलता हासिल की है। करनाल में वर्ष 2023 में फसल अवशेष जलाने के 956, वर्ष 2022 में 301 और वर्ष 2023 में 126 मामले सामने आए हैं।

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किसानों ने किया मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि इस बार जिले में 18 हजार सात सौ किसानों ने पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहन राशि को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन किया है।

विभाग की ओर से किसानों का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस बार जिले के किसानों को 18 करोड़ रुपये से अधिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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