Sawan 2024: करनाल के इस शिव मंदिर में पांडवों ने की थी अस्त्र-शस्त्र पूजा, सावन के महीने में लगती भक्तों की भीड़
करनाल के गांव पूजम में स्थित शिव मंदिर का इतिहास महाभारतकालीन है। इस शिव मंदिर पांडवों ने कौरवों पर विजय हासिल करने के लिए अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा की थी। महाभारत काल की स्मृतियों से जुड़ा होने के कारण यह शिवलिंग काफी पूजनीय माना जाता है। यहां पर एक प्राचीन तालाब भी है। यहां सावन के दिनों में भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
संवाद सहयोगी, तरावड़ी। शहर के नजदीक गांव पूजम स्थित शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने कौरवों पर विजय हासिल करने को अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा की थी। यहां पर आसपास के ग्रामीण इलाकों से श्रद्धालु ओर शिव भक्त उमड़ते हैं। गांव पूजम समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों में भी इस मंदिर को लेकर गहरा विश्वास और आस्था बरकरार है।
मंदिर का इतिहास
जानकारी देते हुए गांव पूजम के सरपंच जोनी शर्मा ने बताया कि महाभारत काल की स्मृतियों से जुड़ा होने के कारण यह शिवलिंग काफी पूजनीय माना जाता है। यहां पहले एक प्राचीन तालाब था, जिसने अब आधुनिक रूप ले लिया है, आश्रम के स्वामी जयराम दास बड़े गर्व से बताते हैं कि इस गांव की धरती पर कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों का युद्ध शुरू होने से पहले पांडवों ने अपने अस्त्रों और शस्त्रों की पूजा की थी।
मंदिर के सेवादार मोहित शर्मा समेत अन्य भगतों ने बताया कि इस स्थान पर कई साल पहले बाबा रामगीर आकर रहने लगे थे, बाबा रामगिर सर्दियों में तालाब में पूजा करते थे और गर्मियों में धुना लगाकर तपस्या करते थे। बाद में गांववालों ने इस जगह पर मंदिर बनवाया।
कांवड़ियों के लिए गए पुख्ता इंतजाम
सेवादार मोहित शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है। जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं को लाइनों में लगकर लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। जब यहां पर भंडारे का आयोजन होता है तो यहां पर लोग हिस्सा लेकर कार्यक्रम को भव्य रूप देते हैं। अबकी बार भी कांवड़ियों के लिए यहां पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे और विशेष धार्मिक आयोजन भी होंगे।
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भक्तों का लगता है तांता
सावन के महीने में पूजम गांव के महाभारत कालीन प्राचीन शिव मंदिर में जलाभिषेक करने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। गांव के प्राचीन शिव मंदिर में सावन के महीने में सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है। मंदिर के महंत जयराम दास ने बताया की लोग भगवान शंकर का जलाभिषेक करते है। मंदिर प्रबंधन की ओर से भी रुद्राभिषेक के विशेष प्रबंध किए गए थे, जिसमे लोगो ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जा रहा है।
हर सोमवार के दिन शाम के समय मंदिर में शिव मंदिर महिला संकीर्तन मंडल की ओर से संकीर्तन किया जा रहा है, जिसमे भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे संकीर्तन के बाद सभी को देसी घी के मालपुड़े और खीर बांटी जाती है।ये भी पढ़ें: Haryana News: विधानसभा चुनाव से पहले मुश्किल में कांग्रेस, भूपेंद्र हुड्डा समेत चार विधायक ईडी के निशाने पर
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