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मेडल से चूके हरियाणा के अनीश, पहले भी दर्ज हैं कई रिकॉर्ड; पिता ने छोड़ी वकालत तब जाकर Olympics तक का पूरा हुआ सफर

हरियाणा (Haryana News) के करनाल के रहने वाले अनीश भनवाला (Anish Bhanwala) ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने से चूक गए। हालांकि उनके परिजन फिर भी काफी ज्यादा खुश हैं। अनीश के ओलंपिक तक के सफर में उनके पिता जगपाल भनवाला का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता का कहना है कि अनीश का ओलंपिक में खेलना ही उनके लिए मेडल के समान है।

By vishal kaushik Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 05 Aug 2024 10:48 AM (IST)
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मुश्किल रहा है अनीश भनवाला का ओलपिंक तक का सफर (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

जागरण संवाददाता, करनाल। पेरिस में मिशन ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए उतरे कर्णनगरी के शूटर अनीश भनवाला 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के क्वालिफायर मैच के दूसरे राउंड में बाहर हो गए। मैच की शुरूआत से ही अनीश ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसको लेकर वह पहले राउंड में सातवें स्थान पर रहे।

पहले राउंड के बाद यह उम्मीद बढ़ गई थी कि वह फाइनल की रेस में शामिल हो जाएंगे। लेकिन दूसरे राउंड में पिछे खिसक गए। इसकी वजह से मैच क्वालिफाई नहीं कर पाए और पदक की दौड़ से बाहर हो गए।

अंतिम प्रदर्शन में 13वें स्थान पर रहे अनीश

अनीश के पिता जगपाल भनवाला व उनकी माता पूनम रानी ने सुबह से ही बेटे का मैच देखने की तैयारी शुरू कर दी थी। मैच को लेकर उनके पास रिश्तेदारों व अनीश के मित्रों के फोन भी सुबह से ही आने लगे थे। अनीश का मैच भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे शुरू हो गया था।

माता-पिता करनाल के सेक्टर-छह स्थित आवास पर मौजूद रहकर अनीश के मुकाबले का टीवी पर सजीव प्रसारण देखते रहे। जिसके तहत पहले राउंड का परिणाम साढ़े तीन बजे आया। वहीं दूसरा राउंड का प्रसारण छह बजकर 45 मिनट पर हुआ। जिसमें उन्होंने 13वां स्थान प्राप्त किया।

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पिता ने कहा- बेटा का ओलिंपिक खेलना ही मेडल

अनीश के पिता जगपाल भनवाला ने बताया कि हार और जीत को जीवन के दो पहलू हैं। अगर वह इस बार मेडल नहीं लेकर आया तो कोई बात नहीं, इसके लिए वह अगली बार प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा बेटा ओलिंपिक में खेल लिया यहीं हमारे लिए मेडल है।

उल्लेखनीय है कि अनीश की बहन मुस्कान ने 2018 में निशानेबाजी में सिडनी में हुई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। जिसको देखकर अनीश ने शूटिंग में अपना कदम आगे बढ़ाया था।

पिता ने अनीश के लिए छोड़ी वकालत

अनीश की मां पूनम रानी बताती हैं कि अनीश को यहां तक पहुंचाने में उनके पिता जगपाल का बहुत योगदान है। उन्होंने बेटे के भविष्य के लिए वकालत छोड़ दी थी और फरीदाबाद में किराए का मकान लेकर रहने लगे। अनीश ने वहां शूटिंग की बारीकियां सीखने के साथ फरीदाबाद स्थित मानव रचना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की।

अनीश की उपलब्धियों का सफर

अनीश ने 2023 सीनियर शूटिंग वर्ल्ड कप के 25 मीटर रेपिड फायर में 12 साल बाद भारत को कांस्य पदक दिलाया था। 2022 में अंतरराष्ट्रीय टीम गोल्ड मिला था। 2018 में आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में कामनवेल्थ गेम की 25 मीटर रेपिड फायर श्रेणी में अनीश ने गोल्ड जीता था। तब वह 10वीं में पढ़ते थे।

2017 में जूनियर वर्ल्डकप में गोल्ड जीता। एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल के अलावा अनीश ने माडर्न पेंटाथलान में भी मेडल जीते। 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में पदकों की झड़ी लगा दी। अनीश ने 65 नेशनल और करीब 30 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। पांच बार लगातार जूनियर चैंपियन और पांच बार सीनियर चैंपियन रहे हैं।

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