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दिल्‍ली-हरियाणा में प्रदूषण का खतरा, खूब जलने लगी पराली, कृषि विभाग को मिली लोकेशन

दिल्‍ली और हरियाणा में पराली से प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। पराली जलने की लोकेशन कृषि विभाग को मिली है। करनाल में रावण के साथ पराली भी खूब जली। सात नई लोकेशन मिलीं है। किसानों को जुर्माने के साथ अधिकारियों और कर्मियों को नोटिस भेजे जा रहे।

By Jagran NewsEdited By: Anurag ShuklaUpdated: Thu, 06 Oct 2022 10:55 AM (IST)
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हरियाणा के करनाल में पराली जलने की लोकेशन मिली।
करनाल, जागरण संवाददाता। दशहरा पर्व पर जिलेभर में रावण के पुतलों का दहन किया गया। रावण के साथ करनाल में पराली भी खूब जली। अब तक फसल अवशेष जलाने के कुल पांच मामले सामने आए थे। वहीं बुधवार को सात स्थानों पर फसल अवशेष जलाने की लोकेशन मिली। घरौंड़ा और मुनक में सबसे अधिक तीन-तीन और नीलोखेड़ी में एक केस मिला है। कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से सभी पर जुर्माना लगाने के साथ संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। इस दिन रावण के पुतले का दहन करके भगवान राम का स्वागत किया जाता है, लेकिन लाख प्रयासों और प्रोत्साहन योजना के बाद भी फसल अवशेष जलाकर कुछ लोग बुराई की ओर बढ़ रहे हैं। करनाल में मंगलवार तक पराली व अन्य फसल अवशेष जलाने के कुल पांच मामले सामने आए थे। बुधवार को एक दिन में ही फसल अवशेष जलाने के सात केस सामने आए हैं।

कृषि उप-निदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि बुधवार को जिलेभर में सात स्थानों पर फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आए हैं। इनमें नीलोखेड़ी के गांव बरसल में एक, घरौड़ा क्षेत्र के गांव गढ़ी खजूर में दो, कालरन में एक, मुनक में एक और शेखोपुरा में दो मामले मिले हैं। सभी की लोकेशन की जांच की जाएगी। सही पाए जाने पर संबंधित किसानों पर नियमानुसार जुर्माना और जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

फसल अवशेष जलाये तो हर कीमत पर पकड़े जाएंगे

कृषि उप-निदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि लोग रावण दहन का फायदा उठाने का प्रयास करके इस दिन काफी संख्या में फसल अवशेष जलाते हैं, लेकिन सेटेलाइट के माध्यम से दोनों स्थानों में फर्क किया जाता है। जिसके बाद फसल अवशेष जलाने के मामले पकड़ में आते हैं और आरोपित किसी भी तरह बच नहीं सकता है। उन्होंने अपील की है कि कोई भी फसल अवशेष न जलाए और योजना व प्रोत्साहन राशि का लाभ उठाने के साथ पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।

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