स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के सवाल को टाल गए राहुल गांधी, किसान बीमा योजना किया विरोध
किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के सवाल को टाल गए। फसल बीमा योजना को विरोध किया लेकिन एमएमसी की गारंटी के सवाल पर भी गोलमोल जवाब दिए।
जागरण संवाददाता, करनाल। किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के सवाल को टाल गए। फसल बीमा योजना को विरोध किया, लेकिन एमएमसी की गारंटी के सवाल पर भी गोलमोल जवाब दिए। भारत जोड़ो यात्रा में रविवार को राहुल गांधी के साथ पूर्व थल सेनाध्यक्ष दीपक कपूर भी शामिल हुए। करनाल-कुरुक्षेत्र सीमा पर समानाबाहू गांव के पास राहुल ने पत्रकार वार्ता की।
एमएसपी की गारंटी पर गोलमोल जवाब
राहुल गांधी ने इस दौरान लगभग 35 मिनट तक सवालों के जवाब दिए। उनसे पूछा गया कि आप जवान व किसान की बात करते हैं। कृषि कानून विरोधी आंदोलन हुआ लेकिन एमएसपी नहीं मिली। आपकी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की? क्या इसे लागू करेंगे और एमएसपी देंगे? जवाब में राहुल ने कहा, इन बातों को साधारण तरीके से नहीं कहा जा सकता। यह चर्चा हम अपनी मेनिफेस्टो कमेटी में करते हैं। उसकी वित्तीय स्थिति के बारे में चर्चा करते हैं। मैं यहां कुछ कह दूं, इसका कोई मतलब नहीं है। तीन कृषि कानून किसान को मारने के लिए लाए गए। जीएसटी और नोटबंदी छोटे कारोबारियों को मारने के लिए लाई गई। मैं गारंटी देता हूं कि कांग्रेस सरकार ऐसा आक्रमण नहीं करेगी। किसान की सुरक्षा होगी। अगर हम अरबपतियों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो किसानों को भी लाभ पहुंचाया जाएगा।
स्माल व मीडियम इंडस्ट्री को किया गया बर्बाद
बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग रोजगार दे सकते हैं, उनकी हम मदद नहीं करते हैं। स्माल व मीडियम इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया गया। रोडमैप यह है कि स्माल और मीडियम इंडस्ट्री के बेस को सुरक्षित किया जाए। उन्हें फाइनेंस दिया जाए। पांच से दस प्रतिशत को बड़ा कारोबार दिया जाएगा। देश अपनी स्किल का सम्मान करेगा, तब भारत सुपर पावर बनेगा।
धर्म-जाति के नाम पर बांटने की नीति के खिलाफ है यात्रा
उन्होंने कहा कि यह यात्रा हिंदुस्तान में फैलाए जा रहे डर और धर्म-जाति के नाम पर बांटने की नीति के खिलाफ है। यह यात्रा एक तपस्या है। यह पूछने पर कि क्या आप तपस्वी हैं, राहुल बोले कि यह देश तपस्वियों का है। देश का हर किसान मुझसे ज्यादा चला है। मजदूर ज्यादा चलता है। यह देश पुजारियों का नहीं तपस्वियों का है, आरएसएस-मोदी जबरन अपनी पूजा करवाना चाहते हैं। कांग्रेस तपस्या का संगठन है तो भाजपा पूजा का। पूजा दो तरीके की होती है। सामान्य पूजा जो भगवान के पास जाकर होती है, लेकिन भाजपा और आरएसएस की पूजा अलग है। वे चाहते हैं कि जबरन उनकी पूजा हो। उनकी पूजा का जवाब तपस्या ही हो सकती है।
कांग्रेस की तपस्या में रह गई थी कमी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तपस्या में कमी रह गई थी। यात्रा के माध्यम से इसे पूरी कर रहे हैं। इस सवाल पर कि आप लगातार कह रहे हैं कि डर और नफरत का माहौल है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी लड़के का एनकाउंटर कर दिया गया। एक इंटरनेशनल एक्टिविस्ट की बिजली काट दी गई? राहुल ने इस सवाल को प्रधानमंत्री की तरफ मोड़ दिया। बोले, मेरे सामने जो सवाल रखे हैं, क्या वे प्रधानमंत्री के सामने रख सकते हैं? प्रधानमंत्री ने कितनी प्रेस कान्फ्रेंस की। जनता को बांटकर नफरत फैलाई जा रही है। ¨हदू-मुस्लिम और अलग-अलग जाति के लोगों को लड़ाया जा रहा है। कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं कहा। छत्तीसगढ़ के मामले को देखेंगे। अगर बोल सकता हूं तो बोलूंगा और अपनी राय भी रखूंगा। यात्रा के बाद वहां जाऊंगा और कमी होगी तो उसे सुधारूंगा।
टी शर्ट पर मुझे मां की डांट पड़ी
टी शर्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए मुझे मां की डांट पड़ी है। यात्रा के जरिये छवि बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे दिमाग में राहुल गांधी नहीं है। यह भाजपा के दिमाग में है। मुझे इमेज का कोई लेना-देना नहीं है। मेरी छवि में कितना बदलाव आया, यह आप तय करें। जनता तय करे। उन्होंने कहा कि उत्तर क्षेत्र में हमें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार आएगी। मुझे इसकी चिंता है कि हरियाणा और मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार आए, जो लोगों की बात सुने। मुझे सरकार आने के पांच साल बाद को लेकर रुचि है।
राहुल गांधी ने की ब्रह्मसरोवर तीर्थ की महाआरती
ब्रह्मसरोवर तीर्थ महाआरती में पहुंचे राहुल गांधी ने पूरे 35 मिनट तक यहां रुके। आरती पहले कात्यायनी मंदिर पाठशाला के वेदपाठियों ने की। इसके बाद पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाआरती की।इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षित ब्राह्मण की तरह ही आरती की। राहुल ने तीर्थ पुरोहित की बही में भी हस्ताक्षर किए। तीर्थ पुरोहित स्वर्गीय राजनाथ शर्मा के पुत्र लक्ष्मीनाथ व विश्वनाथ शर्मा बही लेकर आरती स्थल पर राहुल से मिले और उन्हें उनके पूर्वजों के हस्ताक्षर दिखाए। इसके बाद उन्होंने बही पर खुद हस्ताक्षर किए और तीर्थ पुरोहित से आशीर्वाद लिया।
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