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याद करता हूं तो रूह कांप जाती है, लीबिया से लौटा संदीप बोला- 80 लोगों को एक कमरे में बंद कर दी जाती थी यातनाएं

मधुबन का युवक डोंकी सिस्टम से इटली जाने के लिए निकल तो गया लेकिन रास्ते में लीबिया में फंस गया। पहले वहां माफिया ने उसके सहित छह युवकों का अपहरण कर अंजान जगह रखा। फिर यातनाएं दी। यहां से किसी तरह से निकले तो लीबिया के सशस्त्र गुट के हत्थे चढ़ गए और जेल में रखकर प्रताड़ित किया गया। उन्हें ऐसी यातनाएं मिलीं कि हैवानियत की हद पार हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 09:38 AM (IST)
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लीबिया से लौटा संदीप बोला- एक कमरे में बंद कर दी जाती थी यातनाएं
करनाल, जागरण संवाददाता। मधुबन से इटली जाकर सपने पूरे करने की चाहत दर्द भरी दास्तां बन गई। मधुबन का युवक डोंकी सिस्टम के माध्यम से इटली जाने के लिए निकल तो गया, लेकिन रास्ते में लीबिया में फंस गया (Karnal man Stuck in Libya)। पहले वहां माफिया ने उसके सहित छह युवकों का अपहरण कर अंजान जगह रखा। फिर यातनाएं दी। यहां से किसी तरह से निकले तो लीबिया के सशस्त्र गुट के हत्थे चढ़ गए और जेल में रखकर प्रताड़ित (Man in Libya Jail Tortured) किया गया। उन्हें ऐसी यातनाएं मिलीं कि हैवानियत की हद पार हो गई।

विदेश जाकर कमाना चाहता था अच्छे पैसे

मधुबन का 25 वर्षीय युवक राहुल विदेश जाकर अच्छी आमदनी करने का सपना रखता था। राहुल के दो बच्चे व पत्नी सहित भरापूरा परिवार है। वह करीब सात माह पहले कुरुक्षेत्र के पेहवा निवासी व्यक्ति मदन के संपर्क में आया। उसकी बात इटली जाने की तय हुई। दो साल के वर्क परमिट के लिए 13 लाख रुपये मांगे गए। बात फाइनल होने पर उसने राशि दे दी। उसके सहित छह युवकों को इटली रवाना किया गया। पहले सर्बिया और फिर लीबिया भेजा गया। यहां से इटली जाना था। इसी बीच मदन ने लीबिया में पाकिस्तानी एजेंट को उनके पासपोर्ट देने के लिए कहा।

लीबिया से वर्क पर्मिट दिलवाने की हुई थी बात

तर्क था कि पहले उन्हें लीबिया से वर्क परमिट दिलवा देगा। उन्होंने पासपोर्ट दे दिए। राहुल ने बताया कि वे करीब 180 दिन लीबिया में रहे। हर दिन नए दर्द से गुजरते। पहले पाकिस्तानी एजेंट छह दिन अलग-अलग जगह ले गया। इसके बाद उसी देश के माफिया को सौंप दिया। पाकिस्तानी एजेंट उनके पासपोर्ट भी लेकर चला गया। इसके बाद पता चला कि उनका अपहरण हो चुका है। लेकिन वे पराए देश में कुछ नहीं कर सकते थे। वहां बदमाशों ने उनसे मारपीट की और यातनाएं देनी शुरू कर दी।

12 युवकों का किया था अपहरण 

अपहरण करके रखे युवकों की संख्या 12 हो गई थी। उन्हें न खाना दिया जाता और न पीने के लिए पानी। इससे लगता था कि अब जीवित रहना मुश्किल होगा। बेरहमी से पीटा जाता था। वीडियो स्वजनों को भेजकर राशि मंगवाई जाती थी। फोन छीन लिए गए थे। वे किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

सुनाई अपनी आपबीती

वापस लौटकर संदीप ने जो आपबीती सुनाई, वह हैरान करने वाली है। संदीप का कहना है कि अपना देश ही सबसे बेहतर है। अब वह कभी बाहर जाने की नहीं सोचेगा। संदीप ने बताया कि 12 लाख रुपये लेकर एजेंट ने उसे लीबिया में किसी डौंकर के पास फंसा दिया। पहले छह लाख रुपये लेकर उसे लीबिया पहुंचाया गया। वहां उसे एक सुनसान जगह पर स्थित कमरे में बंद कर दिया गया। वहां पहले से 80 लोग बंद थे। उनके पासपोर्ट छीन लिए गए। उन्हें फोन बंद करने को कहा गया।

पुलिस ने नहीं मानी बात 

एजेंट के कहने पर उससे बाकी के छह लाख रुपये भी ले लिए गए। कुछ दिन बाद उन्होंने उनका 10 लोगों का ग्रुप बनाया और किसी दूसरी लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया। अगले दिन चार लोगों को वह अपने साथ ले गए। कुछ दिन तक उन चार लोगों का कुछ पता नहीं चला। फिर एक दिन उन्हें एजेंट ने फोन कर बताया कि उनके चार साथियों को लीबिया पुलिस ने पकड़ लिया है। उन्होंने एजेंट व डौंकर से बोला कि वह उनकी पेमेंट बेशक कुछ साल बाद वापस कर दें, लेकिन उन्हें भारत वापस भेज दे। लेकिन वह नहीं माने।

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