Haryana News: 'प्रार्थना में गुड मॉर्निंग और नमस्ते की बजाय जय हिंद बोलें', शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने की अपील
हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा जिला स्तरीय एसएमसी ट्रेनिंग व सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथी शामिल रहीं। उन्होंने शिक्षको से अपील की कि प्रार्थना सभा में गुड मॉर्निंग और नमस्ते की जगह जय हिंद से शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने छात्रों व अभिभावक से पौधारोपण और संरक्षण करने की भी बात कही।
जागरण संवाददाता, करनाल। प्रदेश की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को जल्द दूर किया जाएगा। पदोन्नति के लंबित मामले भी जल्द निपटाए जाएंगे। प्रदेश में साढ़े 14 हजार स्कूलों में 25 लाख विद्यार्थी हैं। इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सरकार वचनबद्ध है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन किया। सरकार स्कूलों में साधनों के साथ साधकों की कमी भी दूर करने जा रही है।
'प्रार्थना में गुड मॉर्निंग और नमस्ते की जगह जय हिंद से करें शुरुआत'
उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि सुबह प्रार्थना सभा में गुड मॉर्निंग और नमस्ते की जगह जय हिंद से शुरुआत करें। स्कूल प्रबंधन समिति से आह्वान किया कि पढ़ाई के साथ मिड-डे-मिल योजना के भोजन की गुणवत्ता की ओर भी विशेष ध्यान दें।
शिक्षा मंत्री ने मंगलसेन सभागार में आयोजित जिलास्तरीय एसएमसी ट्रेनिंग व सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि स्कूली बच्चों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
अभिभावक और विद्यार्थियों से पौधारोपण करने की अपील
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य विद्यालय में गठित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को मूल कार्यों तथा दायित्वों की विस्तृत जानकारी देना है। सरकार प्रयासरत है कि विद्यार्थियों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चे व अभिभावक एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत घर, स्कूल व आसपास के खुले क्षेत्र में पौधारोपण और संरक्षण करें। साढ़े नौ वर्ष में सरकार ने प्रदेश में कॉलेज बनवाए, जिससे भावी पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।
राज्य सरकार की सराहनीय पहल- कल्याण
विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि एसएमसी कांफ्रेंस व ट्रेनिंग राज्य सरकार की सराहनीय पहल है। ऐसा अन्य किसी राज्य में देखने को नहीं मिला। यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प में अहम साबित होगी, जिसमें उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का बीड़ा उठाया है।
बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था कि ज्ञान ही सबसे बड़ी ताकत है। ज्ञान स्कूलों में पुस्तकों से प्राप्त होता है। सरकारी स्कूलों में अधिकांश गरीब अभिभावकों के बच्चे पढ़ते हैं। कई बार अभिभावक बच्चों की प्रगति रिपोर्ट जानने स्कूल नहीं पहुंच पाते, इसलिए यह दायित्व शिक्षकों को निभाना होगा।
विधायक रामकुमार कश्यप ने कहा कि सरकार के कदमों से स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। बीआरसी धर्मपाल ने स्कूल प्रबंधन समिति एसएमसी गठन, उद्देश्यों व कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला। दीपक वर्मा ने स्टेन व अटल टिंकरिंग लैब की जानकारी दी।
इन्हें किया सम्मानित
शिक्षा मंत्री ने 11 एसएमसी, 30 स्टार टीचर, 14 स्टार मेंटर्स और 15 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। शिक्षकों में शालिनी, प्रवीण कुमार, दिनेश कुमार, यशपाल, वर्षा रानी, ज्योति, वनीता, अंजू रानी, रेखा रानी, दीपक कुमार, अश्विनी कुमार, राकेश कुमार, रामकुमार, अनीश कुमार इत्यादि लोगों को सम्मानित किया गया।
ये रहे मौजूद
पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता, एससीईआरटी के निदेशक सुनील बजाज, सहायक निदेशक कुलदीप मेहता, कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद, जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश ठकराल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक, डीपीसी उर्वशी विज, उप जिला शिक्षा अधिकारी ज्योत्सना मिश्रा, बीइओ सतपाल बग्गा, राममूर्ति, रविंद्र, सीमा मदान, बलजीत व गुरनाम मौजूद रहे।
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