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Haryana News: सीएम सिटी करनाल में पेयजल व्यवस्था की हालत बदतर, नल से घर पर पानी की जगह आ रही बीमारियां

हरियाणा के करनाल जिले में पेयजल व्यवस्था का बुरा हाल है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिए गए 134 पानी के नमूनों में 22 पीने योग्य नहीं हैं। नगर निगम के शहर में 175 ट्यूबवेल हैं। जन स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत का ख्याल किए बिना पानी की सप्लाई कर रहा है। करनाल को सीएम सिटी भी कहा जाता है।

By Narender kumar Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 09 Jul 2024 02:04 PM (IST)
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करनाल में नल से घरों में आ रहा है गंदा पानी (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, करनाल। 'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून' यानी पानी बिना जीवन में कुछ नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो रोजाना आठ से दस गिलास पानी का सेवन करना चाहिए। इससे अधिकतर बीमारियां खत्म हो जाती हैं लेकिन अगर यही पानी पीने योग्य नहीं हो तो अनेक बीमारियां शरीर में घर कर लेती हैं। ऐसा ही हाल सीएम सिटी में पेयजल व्यवस्था का है।

पानी के नमूने अनफिट मिले

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले भर से लिए 134 पीने के पानी के नमूनों में 22 पीने योग्य नहीं मिले। 11 नमूनों में क्लोरिन की मात्रा अधिक पाई गई। 11 नमूने अनफिट मिले। इसलिए सोच-समझकर और उबालकर पानी पिएं ताकि बीमार होने की नौबत न आए।

इस चौंकाने वाली चिंताजनक स्थिति के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से नगर निगम और जन स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि संबंधित क्षेत्रों में अगर पाइप लाइन लीक है तो ठीक करवाएं और पानी में क्लोरिन की मात्रा भी उचित करवाएं।

यहां नहीं पानी पीने योग्य

  •  पीएचसी पधाना एरिया से पानी के तीन सैंपल लिए गए। एक अनफिट मिला है।
  • मधुबन से लिए पांच सैंपल में से एक अनफिट है।
  • बड़सत से लिए पांच सैंपल में चार में क्लोरिन की मात्रा अधिक है।
  • पोपडा से लिए चार सैंपल में एक में क्लोरिन की मात्रा अधिक मिली।
  • सग्गा के तीनों सैंपल में क्लोरिन अधिक मिली।
  • शहर के सेक्टर-छह एरिया के सभी चार सैंपल अनफिट आए।
  • शहर की इंदिरा कालोनी के तीन में से दो सैंपल अनफिट आए।
  • रामनगर के तीनों सैंपल में क्लोरिन की मात्रा अधिक पाई गई।

दूषित पानी की हो रही है सप्लाई

शहर में नगर निगम की जल विंग की ओर से पानी की सप्लाई दी जाती है। नगर निगम करीब 175 ट्यूबवेल से पानी सप्लाई करता है। इसी तरह जिले में जन स्वास्थ्य विभाग के करीब छह सौ ट्यूबवेल हैं। पीने का पानी यदि दूषित सप्लाई होगा तो लोगों में बीमारियां बढ़ेंगी।

हैरानी की बात है कि नगर निगम और जन स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत का ख्याल किए बिना और बिना जांच ही दूषित पानी की सप्लाई कर रहा है। तभी नमूने फेल आ रहे हैं।

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सेनेटरी इंस्पेक्टर ने कही ये बात

जिले भर से लिए गए 134 पीने के पानी के नमूनों में 22 पीने के योग्य नहीं मिले। सिविल सर्जन के निर्देशानुसार नगर निगम व जन-स्वास्थ्य विभाग को समाधान के लिए पत्र लिखा गया है ताकि दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके।

-सुरेंद्र कुमार, सेनेटरी इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य विभाग

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