Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली कूच के बीच ट्यूकर बॉर्डर पर विरोध के सुर पड़े ठंडे, आपसी भाईचारे के लग रहे नारे
किसान अभी कुछ दिन दिल्ली कूच नहीं करेंगे। ये एलान किसान नेताओं द्वारा बीते दिन किया गया। इसी बीच कुरुक्षेत्र के ट्यूकर बॉर्डर पर एक अजब नजारा देखने को मिला। यहां केंद्र सरकार का विरोध कर रहे किसानों के सुर ठंडे दिखे। साथ ही उनके बीच आपसी भाईचारे के नारे लगते दिखे। हालांकि भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी अभी भी बॉर्डरों पर मोर्चा संभाले हुए हैं।
संवाद सहयोगी, कुरुक्षेत्र। सवेरे के समय सभी को एक जगह जमा करना और दोपहर को मशविरा और शाम को प्रभु सिमरन। आजकल ट्यूकर बॉर्डर पर विरोध के सुर कम और आपसी भाईचारे के नारे अधिक लगने लगे हैं। पिहोवा पटियाला रोड पर ट्यूकर बॉर्डर पर 17 दिन से यातायात बंद हैं।
हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बल दिन-रात तैनात
ट्यूकर बॉर्डर (Tukar border) पर मारकंडा नदी के पुल पर पुलिस का नाका अभी भी जस का तस है। यहां हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बल दिन रात तैनात है। किसान आंदोलन (Farmers Protest News) के शुरूआत में किसानों के सुर काफी विरोध में उठे थे। नाके पर किसानों का कई बार उग्र रूप देखने को मिला।
किसान संख्या में पहले से कम
अब शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान संगठनों ने दिल्ली कूच पर ब्रेक लगाए हुए हैं। ऐसे में ट्यूकर बार्डर पर माहौल शांति के आलम में लिपटा हुआ है। यहां किसान संख्या में पहले से कम हो चले हैं। सवेरे किसान यहां बुलाकर जमा किए जाते हैं। दोपहर को आपस में राय मशविरा किया जाता है।किसान अपने अपने संगठनों के विचारों को साझा करते हैं। दिन ढलने के समय प्रभु सिमरन किया जाता है। इसके बाद अधिकांश किसान यहां से आसपास के गांवों की ओर रवानगी पकड़ लेते हैं। कई दिन से किसानों की यही दिनचर्या है।
यह भी पढ़ें: Haryana News: हरियाणा में होते अवैध खनन पर मंत्री मूलचंद शर्मा ने दी जानकारी, इस साल आए सबसे ज्यादा केस
पटियाला, संगरूर, नाभा, पांतड़ा जिलों के किसान यहां पहुंच कर किसानों का हौसला बढ़ाते हैं। अब दिल्ली कूच का कार्यक्रम 29 फरवरी तक टाला हुआ है। ऐसे में किसान फिलहाल विचार साझा करने में समय व्यतीत कर रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।