कार में आग लगने से दो बेटियों संग जिंदा जले चंडीगढ़ विवि के प्रोफेसर, दीवाली मनाने घर जा रहा था परिवार
इस साल की दिवाली संदीप के परिवार के लिए काल बनकर आई। दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव मोहड़ी के पास उनकी कार में आग लग गई जिसमें संदीप और उनकी दो बेटियों की मौत हो गई। उनकी पत्नी लक्ष्मी अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं। इस हादसे ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। सोनीपत के गांव रहमाणा के संदीप का परिवार हर साल दीपावली का पर्व मनाने के लिए अपने पैतृक गांव जाता था। इस बार उन्होंने नहीं सोचा था कि यह उसकी आखिरी दीवाली होगी।
संदीप व उसकी दोनों बेटियों की शनिवार रात को दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव मोहड़ी के पास अपनी ही कार में आग लगने से मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी लक्ष्मी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।
उसे अभी यह भी नहीं पता कि हादसे ने उनकी दोनों बेटियों व पति को छीन लिया है। पोस्टमार्टम पर आए स्वजनों की आंखों से अभी आंसुओं की धारा नहीं रुक रही थी।
परिवार के साथ चंडीगढ़ रहते थे संदीप
सपरिवार चंडीगढ़ में रह रहा संदीप का परिवार खुशहाल था। बताया जा रहा है कि संदीप के चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में नौकरी लगने के बाद वह पूरे परिवार को अपने साथ ले गया थे। उनका छोटा भाई सतीश भी वहीं पर प्राइवेट नौकरी करता था।
संदीप की मौत से पूरा परिवार बिखर गया है। एलएनजेपी अस्पताल में संदीप व उसकी बेटियों के पोस्टमार्टम के लिए जब शव पहुंचे तो सभी की जुबां पर एक ही बात थी कि भगवान ने परिवार पर बड़ा कहर ढहा है।
नहीं मिला कार से उतरने का मौका
सतीश कुमार ने बताया कि कार में आग डिग्गी में शार्ट सर्किट होने के कारण लगी है। इसके बाद कार सेंटर लॉकिंग के कारण लॉक हो गई। इस कारण उन्हें कार से उतरने का मौका ही नहीं मिला।
शाहाबाद थाना पुलिस के जांच अधिकारी एसआई जसवंत ने बताया कि एर्टिगा कार को बाहर से कोई नुकसान नहीं हुआ, अंदर से कार पूरी तरह से जल गई, जिससे कार में सवार लोग झुलस गए।
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संदीप व उसकी बेटियां कार में पीछे बैठे थी, जिससे उनकी मौत हुई। सतीश कुमार गाड़ी चला रहा था। जिसने कार को खोलने के लिए भरसक प्रयास किए, मगर वह सफल नहीं हो पाया। जब तक कार के दरवाजे खुले उसके परिवार के सदस्य पूरी तरह से आग की चपेट में आ चुके थे। यह भी पढ़ें- Haryana News: नाबालिग पड़ोसी ही निकला 4 साल बच्चे का हत्यारा, दीवाली के दिन कुकर्म करते समय हुई थी मासूम की मौतदो हफ्ते पहले ही पूरी हुई थी पीएचडी
डॉ. संदीप सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे और पिछले आठ वर्षों से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे थे। अभी दो हफ्ते पहले ही उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई पूरी की थी और इस उपलब्धि को लेकर पूरा परिवार खुश था, लेकिन इस हादसे ने उनके पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया। डॉ. संदीप परिवार के साथ चंडीगढ़ सेक्टर-7 में रहते थे। उनकी मौत की खबर सुनते ही सीयू के कई प्रोफेसर और स्टाफ पीजीआई पहुंचे। वे सभी उनके घर भी आए और परिवार के साथ दुख साझा किया।एक्सप्रेस-वे 152डी पर जिंदा जल गए थे तीन दोस्त
सात जुलाई को चंडीगढ़-नारनौल एक्सप्रेस वे 152डी पर रोहतक से नेवी का पेपर दिलाने मनाली जा रहे चार युवकों की स्विफ्ट कार आगे चले ट्राले टकरा गई थी। जिससे उसमें आग लग गई थी और तीन दोस्त जिंदा जल गए थे। जबकि एक युवक कार से बाहर जा गिरा। वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। मृतकों में सोनीपत के गांव जसराना का नितेश, रोहतक के गांव पिलाना का गौरव व रोहतक के गांव खरावड़ के आदित्य था। वहीं जिला झज्जर के गांव मुंडसा का रहने वाला आशीष घायल हो गया था। सभी युवकों की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच है। शनिवार रात को हुए हादसे ने उस हादसे की याद को भी ताजा कर दिया है।यह भी पढ़ें- Sonipat Pollution: देश में चौथा सबसे प्रदूषित शहर बना सोनीपत, एक्यूआई 321