Lok Sabha Election 2024: इस पूर्व प्रधानमंत्री को हरियाणा के साथ गुजरात ने भी बिठाया था सिर माथे पर, जानें क्यों
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा को हरियाणा से पहले गुजरात के लोगों ने काफी मान-सम्मान दिया था। पूर्व पीएम नंदा गुजरात से लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव के लिए चुने गए। वह हरियाणा के कैथल से सांसद रहते हुए इंदिरा गांधी की सरकार में रेलमंत्री का जिम्मा संभाला था। वह कई पदों पर देस की सेवा कर चुके हैं।
बृजेश द्ववेदी, कुरुक्षेत्र। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा (Former PM Bharat Ratna Gulzari Lal Nanda) को हरियाणा (Haryana News) से पहले गुजरात (Gujrat News) के लोगों ने सिर माथे पर बैठाया था। वह गुजरात से लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद गए थे। कैथल लोकसभा (अब कुरुक्षेत्र लोकसभा) से भी वह दो बार सांसद बने।
इंदिरा गांधी सरकार में बने रेलमंत्री
कैथल (Kaithal News) से सांसद रहते हुए 1970 में इंदिरा गांधी सरकार (Indira Gandhi) में रेलमंत्री बने थे। हालांकि, इससे पहले वह दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री तथा एक बार गृहमंत्री रह चुके थे। वह कुरुक्षेत्र (Kurukshetra News) व पिहोवा के तीर्थों के लिए भगीरथ बने तो यहां की जनता ने भी पूरा सम्मान दिया। 1950 में नंदा का पदार्पण केंद्रीय राजनीति में हुआ।
उनको पहला अवसर योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में मिला। वह 1952 के पहले आम चुनाव (Aam Chunav 2024) में कांग्रेस के टिकट पर गुजरात के हिम्मत नगर लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। वह केंद्र सरकार में योजना मंत्री बनाए गए। इसके साथ-साथ उन्हें नदी घाटी परियोजना का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया।
1961 में भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष
इसके बाद उन्होंने सिंचाई व ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार भी सौंपा गया। नंदा 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में गुजरात के हिम्मत नगर लोकसभा क्षेत्र से दोबारा लोकसभा के लिए चुने गए। 1961 में वह भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए।
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नेहरू के निधन के बाद नंदा बने भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री
1962 के तीसरे आम चुनाव में वह गुजरात के सावर कांटा लोक सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। इसके बाद वह 1962 से 1964 तक योजना तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री रहे। इसी बीच, उनको 21 सितंबर 1963 को केंद्रीय गृहमंत्री बने। 27 मई 1964 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन पर नंदा भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री बने।
इस पद पर उन्होंने 9 जून, 1964 तक कार्य किया। इसके बाद लालबहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने। 11 जनवरी 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकन्द में निधन के बाद नंदा को दूसरी बार (11 जनवरी,1966 से 24 जनवरी 1966 तक) पुनः अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया।
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