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कागज के रंग-बिरंगे फूलों से महक उठा महोत्सव का आंगन

फोटो संख्या : 18 जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर कागज से बने रंग-

By JagranEdited By: Updated: Tue, 21 Nov 2017 11:01 PM (IST)
कागज के रंग-बिरंगे फूलों से महक उठा महोत्सव का आंगन

फोटो संख्या : 18

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर कागज से बने रंग-बिरंगे गुलाब और अन्य किस्मों के फूल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की बगियों को महकाने का काम कर रहे हैं। इस महोत्सव में वेस्ट बंगाल के शिल्पकार सोयलन मोदी विभिन्न प्रकार के कागज व सोला वुड के फूलों को बनाकर पर्यटकों के लिए लेकर आए हैं। इन फूलों को बनाकर शिल्पकार सोयलन मोदी कई अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं। अहम पहलू यह है कि कागजों को फल का रूप देने का काम कई सालों से कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में वेस्ट बंगाल से आए शिल्पकार सोयलन मोदी देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए बेहतरीन रंग-बिरंगे सुंदर फूलों को तैयार करके लाए हैं। इन फूलों की कीमत भी आम पर्यटकों की पहुंच तक है और पिछले 10 सालों से पर्यटकों के लिए फूल बनाकर ला रहे हैं। शिल्पकार सोयलन मोदी ने विशेष बातचीत करते हुए बताया कि सरकार कागज से बने फूलों की शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है। शिल्पकारों को मंच मुहैया करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव, सूरजकुंड सहित कई अन्य प्रकार के मेलों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इस महोत्सव में गुलाब, सुरजमुखी, कमल, तुलिफ, कलियों सहित विभिन्न प्रकार के फूलों की वैरायटी बनाकर लाए हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस वर्ष पर्यटकों के लिए सोला वुड के बने हुए विशेष फूल लेकर आए हैं जिनकी कीमत 10 रुपये से लेकर 40 रुपये तक तय की है।

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