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Haryana Election 2024: हरियाणा में चुनाव का बिगुल बजते ही बढ़ी नेताओं की धड़कनें, समीकरणों पर मंथन करने में जुटे दावेदार

हरियाणा में चुनाव की तैयारियों का शोर शुरू हो गया है। प्रदेश में सभी राजनीतिक दल और नेता तैयारियों में जुट गए हैं। इसी क्रम में नेताओं के बीच यह सुगबुगाहट भी तेज हो गई है कि कौन सा दल किस नेता पर दांव खेलेगा और किस सीट से प्रत्याशी के रूप में उतारेगा। प्रदेश में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है।

By Vinod Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Sun, 18 Aug 2024 10:33 PM (IST)
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Haryana Election 2024: हरियाणा में तेज हुई चुनावी तैयारियां (जागरण फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। मतदान के दिन की घोषणा होते ही चुनावी मैदान में उतरने का दावा कर रहे दावेदारों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं। दावेदारों ने अपने समीकरणों पर मंथन शुरू करते हुए अपने-अपने राजनीतिक आकाओं के यहां हाजिरी भी बढ़ा दी है।

वर्ष 2019 के चुनावों में थानेसर और पिहोवा सीट भाजपा और लाडवा में कांग्रेस व शाहाबाद में जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज करवा कर विधानसभा में दस्तक दी थी। इसके बाद अब 2024 में हर जगह अलग-अलग समीकरण उभरते दिखाई दे रहे हैं।

चारों विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक पार्टियों की टिकट के दावेदार तो मैदान में डटे ही हैं, वहीं आजाद उम्मीदवार भी मजबूती से मैदान में उपस्थिति दर्ज करवाने की तैयारी में हैं।

ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने भी जमीनी हलचल पर ध्यान टिका लिया है। ताजा परिस्थिति में यही आजाद कइयों के खेल बना और बिगाड़ सकते हैं।

चुनाव की घोषणा होते ही दिखा बदलाव

पिछले दो माह पहले जहां हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की ही चर्चा होती थी। वहीं चुनावों का समय नजदीक आते ही और अब चुनावों की घोषणा होते ही कई बड़े दावेदारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इस सक्रियता के साथ उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई पार्टी टिकट दे या ना दे वह लोगों के बीच चुनावी मैदान में डटे रहेंगे।

थानेसर विधानसभा से गत दो विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के सुभाष सुधा ने जीत दर्ज करवाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में उन्हें स्थानीय निकाय मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इन दोनों चुनावों में अशोक अरोड़ा दूसरे स्थान पर रहे थे। इन चुनावों में भी आजाद उम्मीदवारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी।

इस बार भी दोनों प्रत्याशियों को लेकर चर्चा जोरों पर है। हालांकि लोकसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी की सक्रियता और कई आजाद उम्मीदवारों की मजबूत हलचल के चलते नए समीकरण उभर रहे हैं। इस सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट को लेकर 10 दावेदारों ने नामांकन किया है।

इनमें सात पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। भाजपा ने भी रायशुमारी करते हुए पदाधिकारियों से तीन-तीन प्रमुख दावेदारों के नाम मांगे हैं। अभी आम आदमी पार्टी और इनेलो-बसपा भी टिकट को लेकर मंथन में जुटी हैं। थानेसर विधानसभा में कुल 214133 मतदाता हैं, इनमें से 103213 महिला और 110920 पुरुष मतदाता हैं।

शाहाबाद में जजपा मार गई थी बाजी

शाहाबाद विधानसभा से वर्ष 2019 के चुनावों में जननायक जनता पार्टी के रामकरण काला बाजी मार गए थे। जजपा की सरकार में हिस्सेदारी होने पर उन्हें शुगरफेड हरियाणा का चेयरमैन बनाया था। उन्होंने भाजपा के कृष्ण बेदी को 37127 मतों के बड़े अंतर से हराया था।

चुनाव में हार के बाद भी कृष्ण बेदी को मुख्यमंत्री की राजनीतिक सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई। पूरे कार्यकाल में मौजूदा विधायक रामकरण काला व कृष्ण बेदी के बीच खींचतान चलती रही। इन चुनावों में कांग्रेस के अनिल धंतौड़ी तीसरे स्थान पर रहे थे।

इस आरक्षित सीट से कांग्रेस के टिकट को लेकर 56 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। गत लोकसभा चुनावों में आइएनडीआइ गठबंधन के प्रत्याशी ने शाहाबाद क्षेत्र से जीत दर्ज करवाई थी।

अब आम आदमी पार्टी के साथ अन्य पार्टियां टिकट को लेकर गुणा-भाग में जुटी हैं। शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में कुल 171257 मतदाता हैं। इनमें 81648 महिला और 89609 पुरुष मतदाता शामिल हैं।

पिहोवा से कांग्रेस पार्टी के लिए 33 ने किया नामांकन

पिहोवा विधानसभा सीट से वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी के संदीप सिंह विधायक बने। उन्हें खेल एवं युवा मामले मंत्री बनाया गया था। एक महिला कोच के साथ विवाद में नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। इस सीट पर कांग्रेस और इनेलो का दबदबा रहा है।

इस बार भी कांग्रेस के टिकट को लेकर 33 दावेदारों ने आवेदन किया है। भाजपा के टिकट को लेकर भी दावेदारों की सूची लंबी है। इस सिख बाहुल्य सीट पर ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां सिखों पर भी दांव खेलती हैं। हालांकि आजाद उम्मीदवार भी इस सीट पर अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज करवाते रहे हैं।

गत चुनावों में भी आजाद उम्मीदवार स्वामी संदीप ओंकार ने 21755 मत हासिल किए थे। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 186206 मत हैं। इनमें से 89552 महिला और 96654 पुरुष शामिल हैं।

लाडवा: कांग्रेस के खाते में चली गई थी सैनी बाहुल्य सीट

लाडवा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2019 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी मेवा सिंह जीत दर्ज करवाते हुए विधायक बने। इस सीट यह तीसरा चुनाव था। सैनी बाहुल्य मानी जाने वाली इस सीट से इस बार कांग्रेस की टिकट के लिए 15 लोगों ने आवेदन किया है। वर्ष 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में थी और इस सीट से डॉ. पवन सैनी विधायक बने थे।

इस सीट से इनेलो के दिग्गज नेता शेर सिंह बड़शामी भी दावेदारी जताते हैं। गत चुनावों में इनेलो प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था। लोकसभा चुनावों में इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने सबसे अधिक मतदान किया था।

इन चुनावों में इस सीट का मुकाबला रोचक रहने का अनुमान है। लाडवा में कुल 195381 मतदाता हैं। इनमें से 94260 महिला और 101121 पुरुष मतदाता हैं।

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