किसानों और बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो सकता है मधुमक्खी पालन : भटनागर
कुरुक्षेत्र कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने कहा कि किसानों और भूमि हीन बेरोजगारों के लिए मधु मक्खी पालन वरदान साबित हो सकता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने कहा कि किसानों और भूमि हीन बेरोजगारों के लिए मधुमक्खी पालन वरदान साबित हो सकता है। मधुमक्खी पालन में शहद की बिक्री से होने वाली आय के साथ-साथ सब्जियों व फलों की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। वह शुक्रवार को नेशनल बी बोर्ड की ओर आयोजित वर्चुअल तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मधु मक्खी से प्राप्त उत्पादों जैसे पराग, मोम, प्रोपोलिस, शाही अवलेह की बिक्री से भी मधु मक्खी पालक आय कमा सकता है। उन्होंने बताया कि नेशनल बी बोर्ड के ओर से अभी पांच आफलाइन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इनकी समय अवधि सात दिन की होगी। उन्होंने बताया कि अटारी जोन दो जोधपुर के निदेशक डा. एसके सिंह के मार्गदर्शन और प्रधान वैज्ञानिक डा. राजनारायण की देखरेख में चल रहे इस प्रशिक्षण शिविर में कई कृषि विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार प्रकट किए हैं। उन्होंने कहा कि किसान इन प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लेकर मधु मक्खी पालन के व्यवसाय को अपना सकते हैं। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ मुधमक्खी पालकों का हर कदम पर मार्गदर्शन करते हैं। इस वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर में कृषि वैज्ञानिक डा. मनोज सिंह व फतेह सिंह ने मधु मक्खी के जीवन चक्र के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि लाभ प्राप्त करने के लिए मधु मक्खियों के बाक्स को अधिक फूलों वाले क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। कृषि वैज्ञानिक डा. अश्वनी दहिया ने मधु मक्खियों में आने वाली बीमारियों व उनके उपचार के बारे में बताया।