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Cyber Crime: ई-चालान का मैसेज आए तो हो जाएं सावधान, न खोलें कोई अनजान लिंक वर्ना खाली हो जाएगा खाता

इंटरनेट के इस दौर में ठगों ने भी ठगी करने के नए- नए तरीके खोज निकाला है। हाल फिलहाल में ठगों ने ई- चालान के नाम पर ठगी करके आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में लोगों को किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक ना करें न ही किसी से अपनी निजी जानकारियां जैसे बैंकिंग एप इत्यादि को साझा करें।

By Satvinder Singh Girn Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 08 Jul 2024 07:14 PM (IST)
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ई-चालान भरने के नाम से हो रही है साइबर ठगी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने भी अपने पैंतरे बदले हैं। ठग नए तरीकों से आमजन को निशाना बना रहे हैं। इनके निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है, फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग।

आजकल ठग ई-चालान के नाम से ठगी कर रहे हैं। यदि आपके पास भी आरटीओ के नाम से ई-चालान का मैसेज आता है तो सावधान हो जाएं। मैसेज भेजने वाला आरटीओ विभाग नहीं ठग हो सकते हैं।

किसी भी व्यक्ति से निजी जानकारी साझा करने से बचें

ठगों द्वारा चालान भरने के लिए दिए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें वर्ना आपका खाता खाली हो सकता है। पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि साइबर ठग कभी पेंशन स्कीम का लालच देते हैं, कभी फर्जी लोन एप के माध्यम से, कभी बिना आर्डर का पार्सल भेजकर झांसा देते हैं।

साइबर अपराधियों का तरीका कॉल फारवर्डिंग करके और कभी किसी व्यक्ति की ई-मेल, वाट्सएप, फेसबुक आइडी को हैक करके साइबर ठगी का शिकार बनाते हैं। कभी इनकम टैक्स रिफंड के नाम से मैसेज भेजकर ठगी की जा रही है।

ऐसे में आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से साझा करने से बचें।

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लोगों को जागरूक करने के लिए हो रहे हैं ये प्रयास

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आमजन को साइबर अपराधों और उनसे बचने के बारे में जागरूक करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा प्रयास लगातार जारी है। पुलिस अलग-अलग तरीकों से आमजन को जागरूक करने में जुटी है। पुलिस का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है।

पुलिस विभाग द्वारा जहां शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को जागरूक किया जा रहा, वहीं आम लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साइबर जालसाजी से बचने का सबसे बेहतर तरीका जागरूक होना है। फिर भी अगर फ्रॉड हो जाए तो नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर काल करें।

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