कुरुक्षेत्र के प्रिंस ने दादा की मूर्ति में उकेरा हरियाणा का नक्शा और हरियाणवी संस्कृति, पढ़ें रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 44 नंबर स्टाल पर कुछ मूर्तियों और अलग शिल्पकला के साथ पहुंचे हैं जिनके स्टाल के आगे से निकलते हुए बर्बस ही पर्यटकों के पांव थम जाते हैं। उन्होंने हरियाणा के नक्शे के आकार पर अपने दादा का एक पोर्ट्रेट तैयार किया है।
By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalUpdated: Tue, 29 Nov 2022 02:31 PM (IST)
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कहते हैं जब कोई व्यक्ति अपने काम में पूरी तरह से डूब जाता है तभी वह निखर कर सामने आता है। एक अच्छा शिल्पकार कभी भी पैसों के पीछे नहीं बल्कि नाम के पीछे भागता है। ऐसे ही हैं कुरुक्षेत्र के गांव मथाना निवासी शिल्पकार प्रिंस शर्मा। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत चुके प्रिंस शर्मा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपनी शिल्प कला को प्रदर्शित करने के लिए आए हैं।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 44 नंबर स्टाल पर कुछ मूर्तियों और अलग शिल्पकला के साथ पहुंचे हैं, जिनके स्टाल के आगे से निकलते हुए बर्बस ही पर्यटकों के पांव थम जाते हैं। उन्होंने हरियाणा के नक्शे के आकार पर अपने दादा का एक पोर्ट्रेट तैयार किया है, जिस पर हरियाणवी पगड़ी और परंपरा दिखाई दे रही है बल्कि इस मूर्ति का आकार भी हरियाणा के नक्शे की तर्ज पर दिया गया है। दादा के पोट्रेट ने जिताई कई प्रतियोगिताएं
प्रिंस शर्मा ने बताया कि वह कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो यादगार रहे। इसलिए उन्होंने अपने दादा 92 वर्षीय ज्योतिराम का एक पोट्रेट बनाया है। इसमें उन्होंने हरियाणी पगड़ी और चेहरे पर झुर्रियों के साथ एक और खास बात रखी है। इस पोट्रेट को हरियाणा के नक्शे पर आधारि बनाया गया है, जिसे वह अब तक कई जगहों पर प्रदर्शित करके प्रतियोगिताओं में विजेता रह चुके हैं। महात्मा बुद्ध और श्रीकृष्ण की मूर्तियां बनवाते हैं सबसे ज्यादा
प्रिंस शर्मा बताते हैं कि उनसे ज्यादातर लोग महात्मा बुद्ध और श्रीकृष्ण की मूर्ति बनवाते हैं। सबसे ज्यादा डिमांड महात्मा बुद्ध की ध्यान मुद्रा में बैठी हुई मूर्ति की होती है, जबकि श्रीकृष्ण की गीता का संदेश देते हुए मूर्तियों की डिमांड रहती है। उन्होंने बताया कि आज कल लोग याद के लिए अपने दादा, पड़दादा के पोट्रेट बनवाते हैं जो पूरी जिंदगी के लिए उनकी याद दिलाते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।