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पिहोवा से चुनाव लड़े डीडी की भाजपा को बॉय-बॉय, दुष्यंत खेमे में पहुंचे

पिहोवा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जयभगवान शर्मा डीडी ने पार्टी छोड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है। वह दुष्यंत की पार्टी में शामिल होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 24 Nov 2018 09:02 PM (IST)
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पिहोवा से चुनाव लड़े डीडी की भाजपा को बॉय-बॉय, दुष्यंत खेमे में पहुंचे

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पिहोवा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जयभगवान शर्मा डीडी ने आखिर इस पार्टी को छोड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी। पिछले सवा साल से यूं भी वे खुलकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रदेश सरकार को कोसते आ रहे हैं। भाजपा को छोड़ने की घोषणा के साथ ही उन्होंने अपना अगला ठिकाना भी बता दिया। वे तीन दिसंबर को कुरुक्षेत्र की अनाज मंडी में एक रैली कर दुष्यंत चौटाला को ज्वाइन कर रहे हैं।

अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में डीडी ने कहा कि उनकी लड़ाई उत्तरी हरियाणा के युवाओं के साथ मेरिट के नाम पर रोजगार में हो रहे भेदभाव के खिलाफ है। डीडी ने कहा, मैंने तो थानेसर से टिकट मांगा था। पिहोवा से लड़वा दिया। दो-दो कद्दावर नेताओं के खिलाफ लड़ा। जहां भाजपा लोकसभा चुनाव में सिर्फ 20 हजार वोट लेकर बैठी थी, वहां एक कैबिनेट मंत्री (हरमोहिंद्र सिंह) से छह हजार वोट ज्यादा लेकर 40 हजार वोट पार्टी को दिलाए।

डीडी ने कहा कि तीन साल तक मैं चुप रहा, लेकिन अब नहीं। प्रदेश में 86 रैली करने के बाद पिहोवा में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल की 87वीं रैली थी तो सीआइडी ने उन्हें रिपोर्ट दी कि भीड़ नहीं आएगी। तब तक मेरे पास रैली का निमंत्रण भी नहीं था। इसके बाद मुख्यमंत्री मेरे घर आए और सहयोग करने को कहा। मैंने ट्रैक्टर-ट्रालियों से यह प्रदेश की सबसे बड़ी रैली कर दी। फिर भी मेरी अनदेखी होती गई।

भारती ने गोभी खोदी

डीडी ने कहा कि उन्होंने नगर पालिका के चुनाव में 17 में से 12 पार्षद बनाकर भाजपा को दिए। जब चेयरमैन बनाने की बारी आई तो कांग्रेस की सरकार में चेयरमैन रहे व्यक्ति को ही मिलीभगत करके बना दिया। उन्होंने सीधे तौर पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती पर हमला बोला।

कहा, भारती ने मेरी जमकर गोभी खोदी। मुख्यमंत्री को इस बारे में कई बार कहा भी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ब्राह्मण कन्या के बारे में अमर्यादित प्रश्न पूछने जाने पर सस्पेंड करने का ड्रामा रचा। इनके लड़के का भी आडियो वायरल हुआ। डीडी ने कहा कि संघ और भाजपा के नेताओं ने ही उन्हें चुनाव में हरवाया।

रामबिलास के नाम पर मिले थे वोट

डीडी ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को लोगों ने इसलिए वोट दिए थे कि रामबिलास शर्मा मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर पता होता कि मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तो एक भी वोट भाजपा को नहीं मिलता।

कोर कमेटी की सुनी

डीडी ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम को उन्होंने अपने समर्थकों की कोर कमेटी की बैठक बुलाई। इसमें भविष्य की राजनीति पर चर्चा की गई। साथियों ने कहा कि दुष्यंत चौटाला खुद घर आकर जब निमंत्रण दे चुके हैं तो उनके साथ जाना चाहिए। उनमें विजन है और मोदी के बाद युवाओं का रुझान में उनकी तरफ हो रहा है। रायशुमारी के बाद ही यह निर्णय लिया गया।

अरोड़ा बोले- बुआ तो तैयार थी

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने डीडी के एलान पर चुटकी लेते हुए कहा, बुआ तो तैयार बैठी थी, फूफा लेण आ ग्या। डीडी को टिकट चाहिए थी कोई दे दो, उन्हें भी जरूरत थी।

डीडी का राजनीतिक सफर

जयभगवान शर्मा डीडी वर्ष 2000 से लेकर से लेकर 2010 तक इनेलो में रहे। इसके बाद वे कांग्रेस में चले गए और वर्ष 2014 तक रहे। 2014 में टिकट कटने के बाद भाजपा में थानेसर से दावेदारी जताई, लेकिन सुभाष सुधा बाजी मार गए और डीडी को पिहोवा विधानसभा से चुनाव लड़वाया गया। अब उन्होंने भाजपा को भी विदा कह दिया है।

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