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Kurukshetra: JP नड्डा ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती कार्यक्रम में लिया हिस्सा, देश के इतिहास और संस्कृति को लेकर कही ये अहम बात

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ब्रह्मसरोवर पर होने वाली महाआरती में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। बता दें कि वह आज पहले गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के आश्रम आए। इसके बाद वह ब्रह्मसरोवर पर महाआरती के लिए पहुंचे। जहां तमाम लोगों के बीच उन्होंने आरती में भाग लिया।

By Jagran News Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Fri, 22 Dec 2023 12:42 PM (IST)
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अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ब्रह्मसरोवर पहुंचे BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा  आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ब्रह्मसरोवर पर होने वाली महाआरती में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। बता दें कि वह आज पहले गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के आश्रम आए। इसके बाद वह ब्रह्मसरोवर पर महाआरती के लिए पहुंचे। जहां तमाम लोगों के बीच उन्होंने आरती में भाग लिया।

हम अपने सांस्कृतिक गौरव और ग्रंथ को भूल गए थे

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हम अपने सांस्कृतिक गौरव और ग्रंथ को भूल गए थे। आज पुन: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से इसे जागृत किया जा रहा है। इसमें संतों और हरियाणा सरकार का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि कोई भी काल रहा हो गीता हमेशा प्रासंगिक रही है। यह हमें दिशा देती है और दुविधा से निकालती है।

भारत के लिए 21वीं सदी सात्विक शक्तियों की होगी

नड्डा वीरवार शाम को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर पर महाआरती स्थल पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसके उपरांत उन्होंने महाआरती की। उन्होंने कहा कि गीता हमें अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती है। हम जितना गीता का अध्ययन करेंगे उतना जीवन को सार्थक बना सकेंगे। यही सार्थकता देश और जीवन के काम आएगा। नड्डा ने कहा कि भारत के लिए 21वीं सदी सात्विक शक्तियों की होगी। सात्विक शक्तियां भारत को मजबूती देंगी। 

भारत विकसित देश बने, यह हर भारतीय का लक्ष्य है

केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य नहीं है कि भारत विकसित देश बने, यह हर भारतीय का लक्ष्य है। इसके लिए सात्विक शक्तियों को पहचानें और भारत को विकसित करने में भागीदार बनें। आरती में स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी शाश्वतानंद, श्रीलंका के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुरा विक्रमनायके भी शामिल हुए और गीता पर अपने विचार रखे। इससे पूर्व नड्डा स्वामी ज्ञानानंद के आश्रम गीता संस्थानम भी गए थे।