Kurukshetra: तीन राज्यों में जीत के बाद शक्तिपीठ पहुंचेंगे अमित शाह, पत्नी सोनल शाह के साथ चढ़ाएंगे घोड़े
धर्मनगरी में पहुंचने के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ सबसे पहले हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ प्राचीन श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर में माथा टेकेंगे। गृह मंत्री अमित शाह तीन राज्यों में हुई जीत के बाद यहां पहुंचेंगे और मान्यता के अनुसार घोड़े अर्पित करेंगे। गृहमंत्री के आगमन से पूर्व सुरक्षा एजेंसियों ने मंदिर में सुरक्षा घेरा बना दिया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी में पहुंचने के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ सबसे पहले हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ प्राचीन श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर में माथा टेकेंगे। गृह मंत्री अमित शाह तीन राज्यों में हुई जीत के बाद यहां पहुंचेंगे और मान्यता के अनुसार घोड़े अर्पित करेंगे। गृहमंत्री के आगमन से पूर्व सुरक्षा एजेंसियों ने मंदिर में सुरक्षा घेरा बना दिया है। गृहमंत्री के आगमन से पूर्व शक्तिपीठ को भव्यरूप में सजाया जा रहा है। गौर हो कि गृहमंत्री अमित शाह की पत्नी सोनल शाह छठी बार मंदिर पहुंचेंगी।
मन्नत पूरी होने के बाद घोड़े चढ़ाने की है परंपरा
भद्रकाली शक्तिपीठ का वर्णन धर्मग्रंथों में मिलता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले पांडवों को विजयश्री का आशीर्वाद दिलाने के लिए यहां विशेष पूजा कराई थी और विजय प्राप्ति के बाद मां भगवती के चरणों में घोड़े अर्पित करवाए थे।
मंदिर में पहले पांच बार आ चुकी हैं गृह मंत्री की पत्नी सोनल शाह
वर्ष 2014 से गृहमंत्री की पत्नी पांच बार शक्तिपीठ में विशेष पूजा कर चुकीं हैं और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उनकी पत्नी सोनल शाह ने भी यहां पूजा की थी। जीत के बाद उन्होंने यहां घोड़े चढ़ाए थे। वर्ष 2023 की शुरुआत भी सोनल शाह ने मां भद्रकाली के दर्शन करके की थी। वर्ष के अंतिम माह में 22 दिसंबर को गृहमंत्री के पास छठी बार शक्तिपीठ में पहुंचेंगी।गृह मंत्री अमित शाह अपनी पत्नी के साथ घोड़े अर्पित करेंगे मंदिर में : पीठाध्यक्ष
श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के संत सम्मेलन में शामिल होने से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ यहां चांदी के घोड़े अर्पित करने मंदिर पहुंचेंगे। देवीकूप के पूजन और परिक्रमा के बाद मां भद्रकाली के दरबार में माथा टेंकेंगे।