जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में संडे नाइट मस्ती की रात में तब्दील हो गई। मशहूर पंजाबी गायक अखिल के गीतों पर ओपन एयर थियेटर में भावी इंजीनियरों ने जमकर धमाल मचाया। एक-एक करके छात्र-छात्राओं की डिमांड पर अखिल ने उनके पसंदीदा गीत गाए।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 30 Oct 2018 12:18 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में संडे नाइट मस्ती की रात में तब्दील हो गई। मशहूर पंजाबी गायक अखिल के गीतों पर ओपन एयर थियेटर में भावी इंजीनियरों ने जमकर धमाल मचाया। एक-एक करके छात्र-छात्राओं की डिमांड पर अखिल ने उनके पसंदीदा गीत गाए। सबसे ज्यादा मैं जदो खाबां वाली राह तुरया..गीत पर मस्ती हुई। इस दौरान अखिल के साथ सेल्फी कराने का क्रेज बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखने को मिला। विद्यार्थियों ने हाथों में मोबाइल लाइट ऑन कर खूब लहराए। इससे पहले संस्थान के ही एक पूर्व छात्र विवेक ने भी अपने बैंड के साथ परफार्मेस दी। दरअसल यह चार दिन तक चले टैकस्पर्धा 18 प्राइम के समापन समारोह की धूम थी।
-----------
समाज के विकास के लिए नई तकनीक इजाद करें : रायजादा फोटो नं.- 21 (कटआउट सहित) - एस्ट्रो हंट में इशारा, प्रांजल और मयंक की टीम रही प्रथम, वर्टिगो में उर्वी ने मारी बाजी
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: एनआइटी में चार दिवसीय वार्षिक तकनीकी एवं प्रबंधन फेस्टिवल टैकस्पर्धा-18 प्राइम का समापन समारोह का आयोजन रविवार देर शाम संस्थान के जुबली हॉल में मनाया गया। इस समारोह में मुख्यातिथि के रूप में आइओसीएल की रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स पानीपत के कार्यकारी निदेशक इंजी. वीके रायजादा उपस्थित थे। इस दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में इशारा, प्रांजल और मयंक ने एस्ट्रो हंट में प्रथम स्थान हासिल किया। प्रक्षेपण में थॉर्वी और दीपक का वॉटर बोटल रॉकेट लोगों में चर्चा का विषय बना रहा। वर्टिगो में उर्वी ने बाजी मारी।
मुख्यातिथि इंजी. वीके रायजादा ने टैकस्पर्धा को तकनीकी युवाओं के लिए अवसर बताते हुए उन्हें समाज के विकास के लिए नई तकनीक इजाद करने को कहा। उन्होंने बताया कि आज की तकनीक से जो हो रहा है, वो पहले असंभव मालूम पड़ता था। इसीलिए हमें अपनी सोच को आगे रखना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सलाहकार निदेशक
प्रो. वीके अरोड़ा ने बताया कि इस प्रकार के तकनीकी उत्सवों से छात्रों को किताबी दुनिया से हटकर बाहरी दुनिया की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने की प्रेरणा मिलती है। तकनीकी सोसायटी के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ.अरुण गोयल ने बताया कि तकनीकी आज के समाज की एक जरूरत बन गई है। एक विकसित समाज के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी तकनीकों में इजाफा करे एवं नई तकनीकों को लागू करें। कार्यक्रम के दौरान आम दिनचर्या से हटकर अंतिम दिवस मौज-मस्ती का माहौल रहा। डीजे की धुन पर ठूमके लगाती टोलियां तो कहीं सेल्फी-स्टिक हाथ में लिए घूमती युवतियां, हर तरफ बस खुशी का आलम दिखा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।