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देश में पहला रैंक हासिल किया, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेस्स में बनाई जगह, जानें निशानेबाज रमिता की कहानी

हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की रहने वाली निशानेबाज रमिता ने देश ही नहीं विदेश की धरती पर भर भारत का परचम लहराया है। रमिता को पिछला 10 मीटर एयर राइफल में 634.8 अंक मिले थे। अब वे निशानेबाजी में पूरी तरह से रम गई हैं। रमिता को निशानेबाजी का ऐसा जुनून है कि उन्होंने अभ्यास से कभी छुट्टी नहीं की। तो पढ़िए रमिता की ये दिलचस्प कहानी।

By Vinod KumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Thu, 07 Sep 2023 06:09 PM (IST)
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जानें हरियाणा के कुरुक्षेत्र निशानेबाज रमिता की कहानी (फोटो- जागरण)

कुरुक्षेत्र, विनोद चौधरी। Haryana Shooter Ramita Story पिछले रिकॉर्ड तोड़कर 10 मीटर एयर राइफल (10 Meter Air Rifle) में 634.8 अंक लेने वाले धर्मनगरी की रमिता (Ramita) अब निशानेबाजी में पूरी तरह से रम गई हैं। पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाली रमिता को निशानेबाजी (Shooting) का ऐसा जुनून है कि उसने कभी भी अभ्यास से छुट्टी नहीं की। यहां तक की बरसाती दिनों में एकेडमी के रास्ते पर कीचड़ होने से इस पर कार या दोपहिया वाहन नहीं जा पाता था।

इसके बावजूद रमिता जूते हाथों में लेकर नंगे पांच कीचड़ से होते हुए एकेडमी पहुंच जाती थी। इसी लग्न की बदौलत रमिता ने पिछले दिनों ही रमिता ने 10 मीटर एयर राइफल का पिछला रिकॉर्ड 634.7 को तोड़ते हुए 634.8 अंक हासिल कर देश भर में नंबर एक रैंक (Rank One) हासिल किया था। इस उपलब्धि से रमिता ने वर्ल्ड निशानेबाजी चैंपियनशिप और एशियन गेम्स 2023 (World Shooting Championship and Asian Games 2023) में भी जगह बना ली है।

ट्रायल में तोड़ा रिकॉर्ड

दिल्ली की डा. कर्णी शूटिंग रेंज में 24 से 30 जून तक पांचवीं और छठी सेलेक्शन ट्रायल आयोजित की गई थी। इस ट्रायल में रमिता ने एक स्वर्ण और एक रजत पदक हासिल किया। पहले दिन 27 जून को आयोजित क्वालिफिकेशन राउंड में 632.4 अंक हासिल किया। इसके बाद अगले दिन 28 जून को 634.7 अंक का पिछला रिकार्ड तोड़ते हुए 634.8 अंक का नया रिकॉर्ड खड़ा किया।

पिता के दोस्त की सलाह पर शुरू किया खेलना

रमिता के पिता एडवोकेट अरविंद जिंदल ने बताया कि उसके दोस्त की बेटी निशानेबाजी के लिए एकेडमी जाती थी। उसने सलाह दी कि रमिता को भी निशानेबाजी सिखा दो। दोनों सहेली इकट्ठे ही अभ्यास के लिए चली जाएंगी। इसके बाद जब रमिता ने एकेडमी जाना शुरू किया तो वर्ष के 365 दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जब वह एकेडमी न गई हों। उसके निरंतर अभ्यास का ही परिणाम है कि पिछले चार वर्षों से लगातार प्रतियोगिताओं में पदक जीत रही हैं।

खेलों के साथ पढ़ाई में भी होनहार है रमिता

रमिता निशानेबाजी के साथ-साथ पढ़ाई में भी बराबर सही निशाना लगाती हैं। खेल के निरंतर अभ्यास और प्रतियोगिताओं के बीच परीक्षाओं की तैयारी के लिए पूरा-पूरा समय ही मिलता है। ऐसे में दिन रात एक कर पढ़ाई करती है और अच्छे अंकों से परीक्षा पास करती है।

एक बार नौंवी कक्षा में रमिता किसी प्रतियोगिता से हिस्सा लेकर देर रात ढ़ाई बजे घर पहुंची थी। घर पहुंचते ही पढ़ाई शुरू कर दी और सुबह परीक्षा के समय तक लगातार पढ़ती रही। इस दौरान बेटी के साथ मां भी जागती रही और हर एक घंटे बाद बेटी को खाने-पीने के लिए सामान देती रही। इस पेपर भी रमिता ने अच्छे अंक हासिल किए थे।

इधर-उधर की बातों की बजाय लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित

रमिता की खासियत है कि वह जब भी किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेती हैं तो ज्यादा इधर-उधर की बातों पर ध्यान नहीं देती। प्रतियोगिता से पहले ही अपना लक्ष्य तय कर लेती है। किसी भी दूसरे निशानेबाज की उपलब्धि देखने की बजाय वह अपने निशाने पर नजर रखती हैं। अपने लक्ष्य ध्यान केंद्रित रखकर अपना काम करती रहती है। यही उसकी सबसे बड़ी खासियत है जो उसे पदक तक पहुंचाती है।

ओलिंपिक कोटा हासिल करने का लक्ष्य

रमिता ने अब बेहतरीन प्रदर्शन कर पेरिस ओलिंपिक 2024 के लिए कोटा हासिल करने का लक्ष्य तय कर लिया है। रमिता के पिता अरविंद जिंदल ने बताया कि नेशनल रिकॉर्ड बनाने के साथ ही रमिता चाइना में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स 2023 में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेगी। इन दिनों रमिता विश्व रैकिंग में 9वें स्थान पर चल रही है।

यह उपलब्धियां हासिल कर चुकीं हैं रमिता

रमिता ने मार्च में भोपाल में 20 से 27 मार्च तक आयोजित हुई इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन शूटिंग वर्ल्ड कप में भी चौथा स्थान हासिल किया था। इसी तरह वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय जूनियर वर्ल्ड कप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीते थे।

इसके बाद अजर बेजान में आयोजित सीनियर वर्ल्ड कप में हिस्सा लेकर टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा अगस्त 2021 में लीमा के पेरू में अंतरराष्ट्रीय जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप (International Junior World Championship Peru) में कांस्य, खेलो इंडिया 2020 (Khelo India 2020) में कांस्य, राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2019-20 में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। 2021-22 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रजत और 2018-19 में सीबीएसई राष्ट्रीय प्रतियोगिता (CBSE National Competition) में कांस्य पदक जीता है।

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