लोगों का खून पीकर मानसून में पहलवान बना मच्छर
मलेरिया विभाग मच्छरों की फौज के आगे बेबस साबित हो रहा है। विभाग ने कहने को मच्छरों से निपटने के लिए जिले में 200 से ज्यादा टीमें गठित कर रखी हैं। बावजूद इसके शुरुआती सीजन में ही जिले में 95 डेंगू के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 19 Aug 2022 11:23 PM (IST)
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र :
मलेरिया विभाग मच्छरों की फौज के आगे बेबस साबित हो रहा है। विभाग ने कहने को मच्छरों से निपटने के लिए जिले में 200 से ज्यादा टीमें गठित कर रखी हैं। बावजूद इसके शुरुआती सीजन में ही जिले में 95 डेंगू के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं। मलेरिया विभाग की लैब में डेंगू मलेरिया जांच के लिए सरकारी व निजी अस्पताल लगातार सैंपल भेज रहे हैं। शहर में हर तरफ मच्छरों का प्रकोप है। मगर स्वास्थ्य विभाग सिर्फ एंटी लार्वा अभियान चलाने के दावों तक सिमट कर रह गया है। जबकि डेंगू हर साल अपना पिछला रिकार्ड तोड़ता चला जा रहा है। हालांकि जिले में चार साल से मलेरिया का कोई केस नहीं मिला। मगर पिछले साल जिले के 129 लोगों ने डेंगू मच्छर काटने के बाद सात दिन तक हड्डी तोड़ पीड़ा को झेला। जबकि जिले में ऐसे हजारों लोग थे जिन्हें संदिग्ध डेंगू बुखार की कष्टदायक परिस्थिति से गुजरना पड़ा। इस साल भी मलेरिया विभाग की टीमों को बड़ी तादाद में लारवा मिल रहा है, ऐसे में डेंगू के प्रकोप से लोगों को इस साल भी गुजरना पड़ सकता है। 129 डेंगू पाजिटिव केस मिले थे 2021 में पिछले साल वर्ष 2021 में डेंगू के 129 मामले मिले थे। वहीं वर्ष 2020 में डेंगू के महज पांच केस सामने आए थे। जबकि वर्ष 2019 में डेंगू के 24 केस सामने आए थे। इससे पहले वर्ष 2018 में डेंगू के 150 से ज्यादा केस दर्ज हुए थे। वहीं मलेरिया का जिले में पिछले चार साल से कोई केस नहीं मिला है।
मच्छर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मच्छर को पनपने के लिए 20 से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान चाहिए होता है। अत्याधिक सर्दी और ज्यादा गर्मी में मच्छर नहीं पनपते। डेंगू की बीमारी मादा एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है। यह साफ पानी में पनपता है। इसके शरीर पर गोल सफेद छल्ले होते हैं। वहीं मलेरिया का वाहक मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है।
डेंगू बुखार के लक्षण -अचानक तेज बुखार का होना। -छाती व शरीर के ऊपर के हिस्सों में दानों का निकलना। -सिर के आगे वाले हिस्से में जोर का दर्द। -आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, शरीर में जोड़ों में दर्द। -भूख ना लगना, जी मिचलाना व उल्टी। मलेरिया के लक्षण -ठंड लगकर बुखार आना। -शरीर में दर्द, सिरदर्द व उल्टी। -कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। चिकनगुनिया के लक्षण -तेज बुखार के साथ मांसपेशियों और जोड़ों में तेज ददर्ज। -भूख कम लगना, कमजोरी और जी घबराना लोग खुद निभाएं अपनी जिम्मेदारी : डा. सुदेश मलेरिया नोडल अधिकारी डा. सुदेश सहोता ने कहा कि विभाग की टीमें तो अपना काम कर रही हैं, लेकिन कुछ जिम्मेदारी लोगों को खुद से भी निभानी होगी। लोग अपने घर, छत और आसपास किसी बर्तन, गमले, कूलर में पानी एकत्रित न होने दें। एक दिन ड्राई डे मनाएं। इससे डेंगू का मच्छर पनपेगा ही नहीं। लोग जागरूक होंगे तो मच्छरजनित रोगों से बचा जा सकता है।
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