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आयुर्वेदिक अस्पताल में दवाओं का टोटा, मरीज परेशान

राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में दवाओं का टोटा पड़ गया है। प्रदेश के एकमात्र राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की ओपीडी में पहले जहां मरीजों को 135 दवाएं चूर्ण और तेल मिल रहे थे।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 21 Jul 2022 11:34 PM (IST)
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आयुर्वेदिक अस्पताल में दवाओं का टोटा, मरीज परेशान
-135 में से 40 दवाएं ही रह गई श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक अस्पताल की ओपीडी में

-550 से ज्यादा की ओपीडी रोजाना रहती है अस्पताल में विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र :

राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में दवाओं का टोटा पड़ गया है। प्रदेश के एकमात्र राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की ओपीडी में पहले जहां मरीजों को 135 दवाएं, चूर्ण और तेल मिल रहे थे। अब यहां महज 40 दवाएं ही रह गई हैं। यानी विश्वविद्यालय में शामिल होने के बाद 95 तरह की दवा मरीजों को मिलनी बंद हो गई। जबकि इससे ज्यादा दवाएं तो आयुष विभाग के आयुर्वेदिक केंद्रों में उपलब्ध है। यहां भी 65 तरह की दवाएं मरीजों को मिल रही हैं। देश की एकमात्र श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अस्पताल में दवाओं का टोटा पड़ा हुआ है। ऐसे में प्रदेशभर से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अपने स्वास्थ्य की चिता बढ़ गई है।

पिछले दिनों विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर और बीएएमएस के विद्यार्थियों ने 32 दिन हड़ताल की थी। जिसमें स्टाइपेंड बढ़ाने के बाद दवाओं की कमी के मुद्दे को सबसे ज्यादा उठाया गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन को 20 दिन पहले विद्यार्थियों को दवाओं की कमी दूर करने का आश्वासन दिए हुए भी हो गए, लेकिन हालत नहीं सुधरी। ऐसे में मरीजों को निजी स्टोर पर अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है।

यहां दवाएं भी खत्म

मरीज सुरेंद्र ने बताया कि कोरोना के बाद तो आयुर्वेदिक उपचार की तरफ लोगों को रुझान बढ़ा है। इस तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत थी, लेकिन हो इसके उलट रहा है। वे अस्पताल में उपचार के लिए आए थे, लेकिन पंचकर्म करने का सामान बाहर से लेना पड़ता है और दवाओं का भी टोटा है।

जल्द उपलब्ध होंगी दवाएं : डा. मनोज तंवर

श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक अस्पताल के प्रभारी डा. मनोज तंवर ने बताया कि अब धीरे-धीरे दवाओं की कमी पूरी हो रही है। जो दवाएं जरूरी हैं उन्हें खरीद लिया गया है और बाकी दवाओं को भी जल्द ही खरीदा जा रहा है। एक बड़ा स्टाक मेंटेन करके रखा जाएगा।

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