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टीबी का रोगी इलाज नहीं करवाता है तो वह हर साल 20 नए मरीज बना देता है

जागरण संवाददाता नारनौल विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर

By JagranEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 08:33 PM (IST)
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टीबी का रोगी इलाज नहीं करवाता है तो वह हर साल 20 नए मरीज बना देता है

जागरण संवाददाता, नारनौल:

विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय महिला महाविद्यालय नारनौल में विश्व क्षय रोग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने शिरकत की तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता उप सिविल सर्जन (टीबी) डा. हर्ष चौहान ने की। इस अवसर पर ड्राइंग प्रतियोगिता भी करवाई गई।

सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी टीबी हो सकती है। इसलिए दो सप्ताह से अधिक खांसी होने पर टीबी की जांच करवानी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत ने 2025 तक टीबी समाप्त करने की घोषणा की हैं।

उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज को सरकार की निक्षय पोषण योजना के द्वारा हर माह 500 रुपए पोषाहार के लिए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बिगड़ी हुई टीबी के मरीजों का इलाज व उपचार के दौरान फोलोअप के लिए आने पर किराया भी दिया जाएगा। बिगड़ी हुई टीबी के इलाज के लिए एक मरीज का डेढ़ से दो लाख का खर्चा होता है, जो मुफ्त किया जाता है। टीबी मरीज के इलाज देने के लिए आशा वर्कर या वालंटियर डॉट्स प्रोवाइडर को भी 1000 से 5000 तक ओनरेरियम देने का प्रावधान है। टीबी मरीज की सूचना देने पर भी 500 रुपए रुपए देने का प्रावधान है।

सिविल सर्जन ने बताया कि भारत से टीबी को खत्म करने के लिए सभी को आगे आना होगा। जिले में हर प्रकार की टीबी की जांच व इलाज की सुविधा है। जिला में 11 माइक्रोस्कोपी सेंटर हैं जहां पर बलगम की जांच की जाती है। जिला क्षयरोग केन्द्र, नारनौल, उप नागरिक अस्पताल महेन्द्रगढ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कनीना पर सीबीएनएएटी मशीन से मशीन से बिगड़ी हुई टीबी की जांच करके मात्र 2 घंटे में उसकी रिपोर्ट दे दी जाती है।

इस मौके पर उप सिविल सर्जन (टीबी) डा. हर्ष चौहान ने बताया कि विश्व में सबसे अधिक टीबी के मरीज भारत में हैं। पूरे विश्व में टीबी मरीजों में से लगभग 22 प्रतिशत टीबी मरीज भारत में है। हर दो मिनट मे एक टीबी मरीज की मौत हो जाती है। हर रोज 5000 टीबी के नए मरीज बनते हैं। उन्होंने बताया कि यदि टीबी का मरीज इलाज नहीं करवाता है तो वह हर साल 18-20 नए मरीज बना देता है। टीबी का पूरा इलाज बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि ड्राइंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर छात्रा कुमारी नेहा जागिड, द्वितीय कुमारी कोमल व तृतीय स्थान पर कुमारी प्रीति रही। प्रतियोगिता में विजेता रहने वाली प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर राजकीय महिला महाविद्यालय नारनौल के प्रोफेसर डा. यस पाल, डा. आरपी सिंह, डा. प्रदीप यादव, डा. अजय ग्रोवर, डीपीसी भूपेन्द्र सैनी, जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार, डीपीएस रविन्द्र कुमार, एसटीएलएस मनोज कुमार, विष्णु चौहान, सरजीत कुमार, चिरंजी लाल एवं अन्य अधिकारी व स्टॉफ उपस्थित थे।

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