तीन साल में ही आदर्श रेलवे स्टेशन का भवन हुआ जर्जर
महेंद्रगढ़ का आदर्श रेलवे स्टेशन तीन साल में ही जर्जर होने लगा है।
संवाद सूत्र, महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ का आदर्श रेलवे स्टेशन तीन साल में ही जर्जर होने लगा है। जयपुर जोन व बीकानेर मंडल के उच्च अधिकारी महेंद्रगढ़ के आदर्श स्टेशन की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बीकानेर से वाया महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी तक 1936 में रेलवे लाइन बिछाने का पहला सर्वे हुआ था। एक साल सर्वे होने के बाद 1937 में पूरा करके रेलवे लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया था। 1940 में मीटर गेज(छोटी लाइन) बनाई गई 1942 में बीकानेर से वाया महेंद्रगढ़ दिल्ली सराय रोहिल्ला तक पहली ट्रेन का संचालन किया गया और महेंद्रगढ़ शहर में 1942 में ही स्टेशन पर बिल्डिग बनाई गई थी। फिर 2008 में मीटर गेज से ब्राडगेज में रेलवे लाइन को बदला गया। परंतु 2005 में रेलवे बजट में महेंद्रगढ़ स्टेशन को आदर्श स्टेशन घोषित किया गया। परंतु 15 साल बीत जाने के बाद भी आदर्श स्टेशन की कोई सुविधा इस स्टेशन को नहीं मिली है। दैनिक रेलयात्री के महासंघ के प्रधान रामनिवास पाटोदा ने बताया कि पुरानी बिल्डिग को तोड़कर नई बिल्डिग बनाने की मांग का ज्ञापन रेलमंत्री, रेलवे के उच्च अधिकारी को सौंपा गया। लेकिन रेल मंत्रालय व भारत सरकार के अधिकारियों की आंखें नहीं खुली। दैनिक रेलयात्रियों ने धरना प्रदर्शन करके अधिकारियों की आंख खोली तब जाकर 2016-17 में इस बिल्डिग को बनाने का प्रपोजल पास हुआ। 24 जनवरी 2018 को महाप्रबधंक जयपुर जोन के टीपी सिंह द्वारा आदर्श रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिग का उद्घाटन किया गया। 26 जनवरी 2020 को आदर्श रेलवे स्टेशन पर एक सौ फुट का तिरंगा लगाया गया। लेकिन रेलवे के अधिकारी इसके नीचे कच्चा फर्स लगाकर भूल गए, जबकि इसके नीचे कोटा स्टोन लगाना था। 2020 में रेवाड़ी से महेंद्रगढ़ तक बिजली की लाइन चालू की गई। पाटोदा ने बताया कि पहले जमाने में कहावत थी कि सबसे बढि़या व मजबूत कार्य रेलवे विभाग के होते थे, आज के जमाने में रेलवे के उच्च अधिकारियों द्वारा कमीशन के खेल में रेलवे के बड़े ठेकेदार द्वारा रेलवे के मापदंड पर ताक पर रखकर कार्य किए जा रहें है। इसलिए महेंद्रगढ़ के आदर्श रेलवे स्टेशन की तीन साल में जर्जर हालत हो गई।