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Haryana New Cabinet: खत्म हुआ अहीरवाल का 56 साल पुराना अकाल, आरती राव के मंत्री बनते ही मिली 'चौधर'

हरियाणा में इतिहास रचा गया है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाई है। गुरुवार (17 अक्टूबर) को नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उनके साथ कई विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। अटेली विधानसभा से विधायक बनीं आरती राव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

By Balwan Sharma Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 17 Oct 2024 03:00 PM (IST)
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अटेली से विधायक बनीं आरती राव ने मंत्री पद की शपथ ली है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़। CM Nayab Singh Saini Oath भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा में इतिहास रच दिया है। प्रदेश में लगातार तीन बार भाजपा की सरकार बनने के बाद गुरुवार (17 अक्टूबर) को नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंभी पद की शपथ ली है।

उनके साथ कई विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। वहीं, अटेली विधानसभा से विधायक बनीं आरती राव (Aarti Rao) ने मंत्री पद की शपथ ली है।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की पोत्री आरती राव (Arti Rao) पहली बार विधायक बनी हैं। राव बीरेंद्र सिंह ने अटेली से ही चुनाव लड़ा था और मुख्यमंत्री बने थे। अब आरती राव से क्षेत्रवासियों को बड़ी उम्मीद हैं।

उधर, पंचकूला में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राव नरबीर सिंह के शपथ लेने के बाद गुरुग्राम के सिविल लाइन स्थित उनके निवास स्थान पर समर्थकों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर और आतिशबाजी कर खुशी मनाई।

...और अहीरवाल को मिल गई चौधर

पिछले 56 साल से चौधर के लिए तरस रहे अहीरवाल का इंतजार आखिर खत्म हो ही गया। आरती राव के मंत्री बनते ही अहीरवाल को चौधर मिल ही गई। इसके बाद से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

अगर हम बात करें जिले की तो यहां से भाजपा के तीन विधायक बने हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव का है। 

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल की चौधर की लड़ाई लड़ रहे थे और उनका प्रयास था कि उनकी बेटी को इस बार मंत्रिमंडल में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल किया जाए। इसके लिए उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी थी।

अब जब बेटी को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है तो केंद्रीय मंत्री की कोशिश सफल होती दिख रही है।

कैसे कटा ओमप्रकाश यादव और कंवर सिंह का पत्ता

नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव 2019 से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल की सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार में किए गए फेरबदल के दौरान उनसे मंत्री पद छीन लिया गया था। अब वह अपने अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर मंत्री पद के लिए लॉबिंग कर रहे थे। 

ओमप्रकाश यादव केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमे से ही आते हैं। इसलिए माना जा रहा था कि वह मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। 

महेंद्रगढ़ से नए चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में उतरे कंवर सिंह खातोद ने कांग्रेस के कद्दावर नेता राव दान सिंह को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया। इसलिए वह भी अपनी दावेदारी मजबूती से रख रहे थे। 

हालांकि वह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी खेमे से हैं और माना जा रहा है कि उनको पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह की तरह विरोध का सामना करना पड़ सकता है। 

भाजपा और अहीरवाल का समीकरण

भाजपा के लिए अहीरवाल 2014 के चुनाव से ही बड़ा गढ़ बना हुआ है। चुनाव चाहे लोकसभा के हों या फिर विधानसभा, इस क्षेत्र के लोगों ने भाजपा की झोली वोटों से भर डाली। सरकार ने भी इसका बदला पिछड़े अहीरवाल में विकास की झड़ी लगाकर चुकाया है। 

बात चाहे लॉजिस्टिक हब की करें या फिर चार-चार नेशनल हाइवे की। कोरियावास मेडिकल कॉलेज, पटिकरा आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में कक्षाएं शुरू की गई, वहीं माजरा में एम्स का शिलान्यास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खजाने का मुंह इस क्षेत्र के लिए दिल खोलकर किया हुआ है। 

हां यह अलग बात है कि अहीरवाल को पिछले 56 साल के हरियाणा की सत्ता में मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का मौका किसी भी नेता को आज तक नहीं मिला है।

1968 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पिता और अटेली की विधायक आरती राव के दादा राव बीरेंद्र सिंह ही एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं, जो हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे और अहीरवाल की चौधर लाने में कामयाब रहे थे। 

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