सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति, हरियाणा के जमीन माफियाओं ने बेच खाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पर्ल्स समूह की अरबों रुपये की संपत्ति जब्त की थी लेकिन हरियाणा के भू माफियाओं ने फर्जी कागजात के आधार पर इसे बेच डाला। प्रदेश के मुख्य सचिव ने इस संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के आदेश दिए थे लेकिन इसके बावजूद 130 एकड़ भूमि बेच दी गई। अब क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच कर घोटाला पकड़ा है।
कई जिलों में 17 FIR हुईं दर्ज
सतनाली थाने में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 17 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें गुरुग्राम में दो, सिरसा में सात, पंचकुला में एक, पानीपत में पांच और हिसार में एक एफआईआर दर्ज हो गई है। रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत और भिवानी में भी जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।हरियाणा में 1800 एकड़ की संपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
बेची गईं कुछ संपत्तियों का ब्योरा
रजिस्ट्री नंबर 3976 व 3978 व अन्य दिनांक 29.11.2017 गांव साल्हावास, तहसील व जिला रेवाड़ी।
रजिस्ट्री नंबर 2621/1 व अन्य दिनांक 19.01.2018 गांव भोड़वाल माजरी, तहसील समालखां, जिला पानीपत।
रजिस्ट्री नंबर 352/1 व अन्य दिनांक 7.05.2018 गांव पट्टीकल्याणा, तहसील समालखां, जिला पानीपत।
रजिस्ट्री नंबर 1058/1 व अन्य दिनांक 14.12.2018 गांव माधोगढ़, तहसील सतनाली, जिला महेंद्रगढ़।
रजिस्ट्री नंबर 80/1 दिनांक 12.04.2017 व 1815 दिनांक 18.08.2017 गांव निमला, तहसील एलनाबाद, सिरसा।
रजिस्ट्री नंबर 145/1 दिनांक 17.04.2017 गांव खांजाखेड़ा, तहसील राणियां, जिला सिरसा।
रजिस्ट्री न0 4098 दिनांक 02.12.2020 गांव खेड़की, तहसील मानेसर, जिला गुरुग्राम।
हमें शक है कि पीएसीएल कंपनी के निदेशकों को सभी संपत्ति की जानकारी थी और उन्होंने भू माफिया के साथ मिलकर जाली दस्तावेज तैयार करके यह बिकवाई है। इन सभी संपत्ति की संरक्षक (कस्टोडियन) सीबीआई है। खरीद-फरोख्त के लिए सीबीआई भी जिम्मेदार है। यह अरबों रुपये का घोटाला है और इसमें संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। अन्य जिलों को लेकर डीजीपी ने अलग से सभी रेंज के महानिरीक्षक के तहत एसपी को संपत्ति का ब्योरा भेजते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अभी तक 17 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और शेष जिलों में दर्ज की जा रही हैं। -मंदीप काजला, पर्ल्स इन्वेस्टर्स वेलफेयर ट्रस्ट के प्रधान
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। -उपायुक्त मोनिका गुप्ता