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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति, हरियाणा के जमीन माफियाओं ने बेच खाई

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पर्ल्स समूह की अरबों रुपये की संपत्ति जब्त की थी लेकिन हरियाणा के भू माफियाओं ने फर्जी कागजात के आधार पर इसे बेच डाला। प्रदेश के मुख्य सचिव ने इस संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के आदेश दिए थे लेकिन इसके बावजूद 130 एकड़ भूमि बेच दी गई। अब क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच कर घोटाला पकड़ा है।

By Balwan Sharma Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 01 Sep 2024 11:56 PM (IST)
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माैफियाओं द्वारा बेची गई जमीन पर माधौगढ़ में बनाया गया पैट्रोल पंप।
बलवान शर्मा, नारनौल। निवेशकों का धन लेकर न लौटाने के मामले में फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा जब्त की गई पर्ल्स समूह की अरबों रुपये की संपत्ति को फर्जी कागजात के आधार पर बेच दिया गया। ऐसा तब हुआ, जब प्रदेश के मुख्य सचिव ने सभी संबंधित उपायुक्तों को इस संपत्ति की खरीद-फरोख्त नहीं करने के आदेश दिए हुए थे। लेकिन इसके बावजूद भू माफिया ने न सिर्फ पूरे प्रदेश में 1800 एकड़ में से 130 एकड़ भूमि को बेच डाला, बल्कि अवैध रूप से बेची गई इस भूमि पर जिले के सतनाली में पेट्रोल पंप भी बन गया। हैरानी की बात यह है कि पेट्रोल पंप के लिए जिला प्रशासन व संबंधित सभी विभागों ने एनओसी भी जारी कर दी है।

इस मामले में निवेशकों की संस्था पर्ल्स इन्वेस्टर्स वेलफेयर ट्रस्ट के प्रधान की शिकायत पर हरियाणा क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच कर घोटाला पकड़ लिया है। क्राइम ब्रांच की जांच के बाद अब प्रदेश के डीजीपी ने संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

कई जिलों में 17 FIR हुईं दर्ज

सतनाली थाने में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 17 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें गुरुग्राम में दो, सिरसा में सात, पंचकुला में एक, पानीपत में पांच और हिसार में एक एफआईआर दर्ज हो गई है। रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत और भिवानी में भी जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।

हरियाणा में 1800 एकड़ की संपत्ति

सूत्र बताते हैं कि पर्ल्स कंपनी की हरियाणा में करीब 1800 एकड़ संपत्ति है। जांच में सामने आया है कि प्रदेश में करीब 130 एकड़ भूमि को फर्जी कागजात तैयार कर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बेच दिया गया है।

महेंद्रगढ़ जिले में कंपनी की 185 एकड़ में से 18 एकड़ भूमि बेच दी गई, जिसकी रजिस्ट्री दैनिक जागरण के पास उपलब्ध है। कंपनी की संपत्ति पर वर्तमान में माधोगढ़ गांव के पास पेट्रोल पंप चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 के आदेश में पर्ल्स समूह की कंपनी पीएसीएल के मामले में पूर्व न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी। इसके बाद शीर्ष अदालत ने 25 जुलाई 2016 को पीएसीएल के निदेशकों, प्रोमोटर्स, एजेंट्स, कर्मचारियों तथा ग्रुप ऑफ एसोसिएट कंपनी, जिनमें पीएसीएल का पैसा लगा हुआ है, उनकी संपत्ति को खरीदने और बेचने पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव ने 17 अक्टूबर 2016 में प्रदेश के सभी उपायुक्तों को पीएसीएल से जुड़ी सभी संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। इस आदेश को आगे संबंधित एसडीएम और तहसीलदारों तक भेजा गया था, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में बड़ी मात्रा में भूमि बेच दी गई।

बेची गईं कुछ संपत्तियों का ब्योरा

रजिस्ट्री नंबर 3976 व 3978 व अन्य दिनांक 29.11.2017 गांव साल्हावास, तहसील व जिला रेवाड़ी।

रजिस्ट्री नंबर 2621/1 व अन्य दिनांक 19.01.2018 गांव भोड़वाल माजरी, तहसील समालखां, जिला पानीपत।

रजिस्ट्री नंबर 352/1 व अन्य दिनांक 7.05.2018 गांव पट्टीकल्याणा, तहसील समालखां, जिला पानीपत।

रजिस्ट्री नंबर 1058/1 व अन्य दिनांक 14.12.2018 गांव माधोगढ़, तहसील सतनाली, जिला महेंद्रगढ़।

रजिस्ट्री नंबर 80/1 दिनांक 12.04.2017 व 1815 दिनांक 18.08.2017 गांव निमला, तहसील एलनाबाद, सिरसा।

रजिस्ट्री नंबर 145/1 दिनांक 17.04.2017 गांव खांजाखेड़ा, तहसील राणियां, जिला सिरसा।

रजिस्ट्री न0 4098 दिनांक 02.12.2020 गांव खेड़की, तहसील मानेसर, जिला गुरुग्राम।

हमें शक है कि पीएसीएल कंपनी के निदेशकों को सभी संपत्ति की जानकारी थी और उन्होंने भू माफिया के साथ मिलकर जाली दस्तावेज तैयार करके यह बिकवाई है। इन सभी संपत्ति की संरक्षक (कस्टोडियन) सीबीआई है। खरीद-फरोख्त के लिए सीबीआई भी जिम्मेदार है। यह अरबों रुपये का घोटाला है और इसमें संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। अन्य जिलों को लेकर डीजीपी ने अलग से सभी रेंज के महानिरीक्षक के तहत एसपी को संपत्ति का ब्योरा भेजते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अभी तक 17 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और शेष जिलों में दर्ज की जा रही हैं। -मंदीप काजला, पर्ल्स इन्वेस्टर्स वेलफेयर ट्रस्ट के प्रधान

यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। -उपायुक्त मोनिका गुप्ता

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