पीपीपी के आय मापदंड के चलते जिले के हजारों युवा पिछड़ा वर्ग से हुए बाहर
परिवार पहचान पत्र में परिवार की आय को लेकर बनाए गए मापदंड के चलते जिले के हजारों और प्रदेश के लाखों युवा पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र बनवाने से वंचित हो गए हैं। जिसके कारण उक्त युवाओं को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले लाभ के लिए भटकना पड़ रहा है।
By Versha SinghEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 03:10 PM (IST)
नारनौल, जागरण संवाददाता: परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में परिवार की आय को लेकर बनाए गए मापदंड के चलते जिले के हजारों और प्रदेश के लाखों युवा पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र बनवाने से वंचित हो गए हैं। इस वजह से उक्त युवाओं को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले लाभ के लिए भटकना पड़ रहा है।
पिछड़ा वर्ग के लोग इसे नियम के विरुद्ध बता रहे हैं और इस मामले में न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में तहसीलदार की बजाय एडीसी कार्यालय में एससी, बीसी से संबंधित जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। पूर्व की व्यवस्था में यह कार्य तहसीलदार द्वारा किया जा रहा है। परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य भी अतिरिक्त उपायुक्तों के माध्यम से किया जा रहा है और इसी वजह से जाति प्रमाण पत्र बनाने और दुरुस्त करने का कार्य भी एडीसी को सौंपा हुआ है।
असल में परिवार पहचान पत्र में आय के नए मापदंड की वजह से यह विरोधाभाष पैदा हो गया है। प्रदेश के सभी जिलों में परिवार पहचान पत्र बनाते समय व्यक्ति की स्वयं की आय और पूरे परिवार की आय को भी जोड़ा जाता है और इसी के आधार पर पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
इसके विपरित प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए 2021 के नोटिफिकेशन में स्पष्ट लिखा हुआ है कि पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र जारी करते समय केवल माता-पिता की आए ही जांची जाएगी (क्रिमीलेयर और नोन क्रिमी लेयर के निर्धारण के समय)। अब प्रदेश के सभी जिलों में परिवार पहचान पत्र से व्यक्ति की स्वयं की आय को भी जोड़कर जाति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग से जुड़े युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार में भी यहीं नियम है। यदि खुद की आय भी जोड़कर देखी जाने लगी तो लाखों युवा पिछड़ा वर्ग में होते हुए भी बाहर हो जाएंगे।
राज्य सरकार द्वारा 2021 में जारी किया गया नोटिफिकेशन
परिवार पहचान पत्र में आय की जांच के लिए पांच अलग-अलग लोग तैनात किए हुए हैं। यदि किसी की आय परिवार पहचान पत्र में अधिक दर्शा दी गई है तो वह पुन: जांच के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए पांच अन्य व्यक्तियों से पुन: जांच करवाकर दुरुस्त करने का प्रावधान है। मापदंड़ों के अनुसार ही जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
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