Nuh Violence: हिंसा के बीच हरियाणा सरकार ने नूंह में RAF बटालियन के लिए जमीन को मंजूरी दी
नूंह में हुई हिंसा के बीच हरियाणा सरकार ने जिले में आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के लिए जमीन के आवंटन को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने पांच साल पहले ही नूंह में सीआरपीएफ की दंगा रोधी इकाई आरएएफ की एक नई बटालियन को मंजूरी दे चुकी थी। इंद्री गांव में लगभग 50 एकड़ जमीन आरएएफ को सौंपने की मंजूरी इस सप्ताह की शुरुआत में मिली थी।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 02 Aug 2023 11:14 PM (IST)
नूंह, पीटीआई। नूंह में हुई हिंसा के बीच हरियाणा सरकार ने जिले में आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के लिए जमीन के आवंटन को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने पांच साल पहले ही नूंह में सीआरपीएफ की दंगा रोधी इकाई आरएएफ की एक नई बटालियन को मंजूरी दे चुकी थी।
नूंह के इंद्री गांव में लगभग 50 एकड़ जमीन रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को सौंपने की मंजूरी इस सप्ताह की शुरुआत में मिली थी। उन्होंने बताया कि जमीन चिह्नित कर ली गई है, लेकिन बल द्वारा इसके उपयोग पर अंतिम घोषणा की जानी है। एक वर्ष से अधिक समय से इसका इंतजार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जमीन पर कब्जा करने की प्रक्रिया जल्द ही होगी, जिसके बाद एक इसका शिलान्यास समारोह होगा। सूत्रों ने कहा कि बटालियन के लिए कार्यालय, आवास बुनियादी ढांचे और अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में कुछ और साल लगेंगे।
केंद्र सरकार ने 2018 में घोषणा की थी कि आरएएफ की पांच और बटालियनें गठित की जाएंगी। वे वाराणसी (उत्तर प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), शिवमोग्गा (कर्नाटक), हाजीपुर (बिहार) और नूंह में स्थित होंगी। इन पांच और इकाइयों के साथ आरएएफ की कुल ताकत 15 बटालियन हैं।
10 अन्य बटालियनें हैदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, मुंबई, दिल्ली, अलीगढ़, कोयंबटूर, जमशेदपुर, भोपाल और मेरठ में स्थित हैं। अधिकारियों ने कहा कि नूंह बटालियन जिले के एक पुलिस स्टेशन में तैनात एक छोटी इकाई सहित अन्य स्थानों से काम कर रही थी।
हरियाणा के नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने की कोशिश को लेकर सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई। बाद में हिंसा पड़ोसी गुरुग्राम और अन्य स्थानों पर फैल गई।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 90 को हिरासत में लिया गया है।राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र द्वारा नूंह और आसपास के जिलों में आरएएफ की एक दर्जन सहित विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की बीस कंपनियां तैनात की गई हैं।एक आरएएफ बटालियन में 1,200 से अधिक कर्मियों की क्षमता होती है। यह घातक राइफलों, गैजेट्स और पंप एक्शन गन, आंसू धुआं ग्रेनेड, पानी के तोपों जैसे गैर-घातक हथियारों से लैस होती है। इसका काम विरोध प्रदर्शन या दंगे जैसी स्थितियों के मामले में सुरक्षा और कानून व्यवस्था लागू करना होता है।
आरएएफ पहनने वाली नीली डंगरी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का हिस्सा है, जो देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल या तीन लाख से अधिक कर्मियों वाला केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। अक्टूबर, 1992 में आरएएफ का गठन किया गया और इसे पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाया गया।
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