Haryana Cyber Crime: ध्वस्त होगा 'दूसरे जामताड़ा' के साइबर ठगों का नेटवर्क, हरियाणा पुलिस ने बनाई खास रणनीति
हरियाणा के नूंह जिले को लोग अब दूसरे जामताड़ा के रूप में पहचानने लगे हैं। यहां से आए दिन साइबर ठगों की गिरफ्तारी हो रही है। हालांकि साइबर ठग बाज़ नहीं आ रहे हैं। अब हरियाणा पुलिस ने पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का प्लान तैयार किया है।
नूंह, जागरण संवाददाता। देश में बढ़ते साइबर अपराध के साथ दूसरे 'जामताड़ा' (Jamtara) के रूप में कुख्यात हो रहे नूंह में साइबर ठगी का नेटवर्क ध्वस्त किया जाएगा। हरियाणा पुलिस ने इसके लिए ऑपरेशन प्रहार-2 चलाने का निर्णय लेते हुए पूरी रणनीति तैयार कर ली है।
पिछले माह ऑपरेशन प्रहार में पांच हजार पुलिसकर्मियों की 104 टीमों ने जिले के 14 से अधिक गांवों में छापेमारी की थी, जिनमें 47 साइबर ठगों समेत 165 अपराधी पकड़े गए थे। अब हरियाणा पुलिस राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस को साथ लेकर साइबर ठगी के इस गढ़ पर चौतरफा प्रहार करेगी।
दैनिक जागरण ने बीते दिनों 'दूसरा जामताड़ा @ नूंह' नाम से स्टोरी शृंखला प्रकाशित कर साइबर ठगी का गढ़ बन रहे नूंह की सच्चाई उजागर की थी। इसके लिए जागरण के दो रिपोर्टरों ने पूरे पांच दिन नूंह के उन इलाकों की खाक छानी थी और एक-एक सूचना एकत्र की थी, जहां पुलिस भी बख्तरबंद गाड़ियों के बिना जाने से बचती है।
डीजीपी ने उच्चाधिकारियों के साथ की बैठक
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल का अपराध नियंत्रण को लेकर जिले के टूंडलाका गांव में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करने को इस दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों के एसपी व आईजी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठककर मंथन करते हुए रणनीति भी बनाई।
'नूंह को दूसरा जामताड़ा नहीं बनने देंगे'
सीआईडी प्रमुख आलोक मित्तल भी साथ रहे। बैठक में उन्होंने यह कहा भी कि नूंह को दूसरा जामताड़ा नहीं बनने देंगे। हर हाल में साइबर ठग पकड़े जाएंगे। हरियाणा पुलिस जल्द ही अपनी रणनीति को राजस्थान और उप्र पुलिस के उच्चाधिकारियों से साझा करेगी, ताकि नूंह के साथ ही राजस्थान के भरतपुर, अलवर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कुछ गांवों से चलाए जा रहे साइबर ठगी के नेटवर्क को नेस्तनाबूत किया जा सके।
'ठगों-तस्करों के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा'
हरियाणा के पुलिस महानिदेश पीके अग्रवाल का कहना है कि साइबर ठग और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी हो चुकी है। टूंडलाका में की गई बैठक का एक मकसद यह भी था कि क्षेत्र को जामताड़ा नहीं बनने देंगे। ठगों-तस्करों के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा।