Nuh Violence: नूंह हिंसा के इनामी बदमाश की पुलिस के साथ मुठभेड़, पैर में लगी गोली; गिरफ्तार
Haryana Nuh Violence नूंह हिंसा के मामले में संलिप्त तावडू के ढिडारा गांव का रहने वाला आरोपित आमीर को क्राइम ब्रांच नूंह की टीम ने मुठभेड़ के बाद मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया है। हिंसा मामले में अभी तक पुलिस द्वारा करीब 260 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 22 Aug 2023 11:00 AM (IST)
नूंह, एजेंसी। हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद प्रशासन लगातार एक्शन में है। हिंसा मामले में अभी तक पुलिस द्वारा करीब 260 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। ताजा मामले में मंगलवार को पुलिस एनकाउंटर में एक आरोपी को गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, नूंह हिंसा के मामले में संलिप्त तावडू के ढिडारा गांव का रहने वाला आरोपित आमीर को क्राइम ब्रांच नूंह की टीम ने मुठभेड़ के बाद मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया है। आमिर के दायें पैर में गोली लगी है।उसे नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
कब्जे से कट्टा और कारतूस बरामद
आरोपित के पास से पुलिस ने एक कट्टा तथा कई कारतूस बरामद किए हैं। क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर अमित को सूचना मिली कि हिंसा के मामले में संलिप्त आमिरतावडू के सीलखो पहाड़ी के के एक खंडहर में है। सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने बदमाश को घेर कर चेतावनी दी तो उसने गोली चलानी आरंभ शुरू कर दी।पुलिस टीम ने भी गोली चलाई तो वह पहाड़ी से नीचे की ओर भागने लगा। तभी एक गोली उसके पैर लगी और वह गिर पड़ा। पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया। इसी पहाड़ी पर पांच दिन पहले हिंसा आरोपित मुनफेद को भी पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था, उसके पैर में भी पुलिस द्वारा चलाई गोली लगी थी।
दुकानदारों ने की नुकसान के भरपाई की मांग
नूंह हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के पास की गई दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई को दुकानदारों ने गैर कानूनी बताते हुए उपायुक्त को शिकायत की है। शिकायत में उपायुक्त से नुकसान की भरपाई की मांग भी की गई है।फिरोजपुर के रहने वाले हथीन के रहने वाले , हरकेश तथा डॉ. देवकांत ने उपायुक्त को दी शिकायत में बताया कि हम सभी ने नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के पास मेडिकल व जांच सहित अन्य दुकानें की हुई थी। जिसके लिए हमने किराए पर दुकानों के मालिकों से दुकानें ली हुई थी और तय किराया प्रति माह दिया जा रहा था।बिजली मीटर सभी ने अपने नाम से लिया था उस वक्त जो जरूरी दस्तावेज मांगे गए वह दे दिए गए थे। चार साल से वह किराये पर दुकान लेकर अपना कारोबार कर रहे हैं। एक बार भी नोटिस नहीं आया कि दुकान अवैध तरीके से बनी हैं। जबकि जगह की रजिस्ट्री भी मकान मालिक के पास है। सभी दुकान मुस्लिमों की पर किराये पर हम लोगों ने ले रखी थी।
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद जिला नगर योजनाकार द्वारा हमारे दुकानें बिना किसी नोटिस के तोड़ दी गईं। जो कि बिल्कुल गैर कानूनी है। हमें कार्रवाई से पहले किसी प्रकार का नोटिस भी नहीं दिया गया। दुकानों के टूट जाने से अब हम बेरोजगार हो गए हैं और परिवार का गुजारा भी नहीं कर पा रहे हैं। दुकानों के सहारे ही हम अपने परिवार का पालन पोषण करते थे, लेकिन दुकानों के टूट जाने से हमार काफी नुकसान हो गया है।
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