Nuh Violence: हिंसा को भड़काने में कई यूट्यूबर की रही भूमिका, पुलिस जल्द करेगी चेहरे बेनकाब
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को नल्हड़ मंदिर से निकली ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा पर गोली तथा पत्थर चलाने के पीछे कई यूट्यूबर की भूमिका मिली है। साइबर सेल की टीम उनकी संलिप्तता की जांच कर सबूत एकत्र कर रही है। सेल की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले की जांच कर रही एसआईटी प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।
नूंह, जागरण संवाददाता। 31 जुलाई को हुई नूंह के नल्हड़ मंदिर से निकली ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा पर गोली तथा पत्थर चलाने के पीछे कई यूट्यूबर की भूमिका मिली है। पुलिस की माने तो हिंसा के लिए षडयंत्र करने से लेकर हिंसा होने पर घटना के वीडियो बना उपद्रवी भीड़ को भड़काने में इनकी भूमिका रही है। ऐसे लोगों की संख्या दर्जनों हैं। कुछ को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है।
पुलिस जुटा रही सबूत
साइबर सेल की टीम उनकी संलिप्तता की जांच कर सबूत एकत्र कर रही है। सेल की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले की जांच कर रही एसआईटी प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेगी। जिसके बाद उच्च अधिकारी ही मुख्य आरोपितों के नाम बताते हुए जांच रिपोर्ट काे सार्वजनिक करेंगे।
गोतस्करों के संपर्क में रहे यूट्यूबर
पुलिस के घेरे में आए कुछ यूट्यूबर साइबर ठगों तथा गोतस्करों और मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों के संपर्क में भी रहे हैं। भरतपुर के रहने वाले नासिर तथा जुनैद हत्याकांड का बदला गोरक्षकों से लेने के लिए भी विवादित वीडियो तथा वाइस मैसेज पोस्ट किए गए थे। कई यूट्यूबर राजस्थान के भरतपुर और अलवर के रहने वाले हैं।
हिंसा के दौरान जब मीडिया कर्मी घटना की तस्वीर ले रहे थे, तब यूट्यूबर ने ही उनके साथ मारपीट कर मोबाइल लूट लिए थे। खेड़ला चौक पर यह कृत्य तो हुआ ही था, बड़कली चौक पर जब हिंसा हुई तो दो सीआईडी कर्मी घटना की तस्वीर ले रहे थे, उनके मोबाइल लूटने के बाद तस्वीर डिलीट कर मोबाइल वापस किए थे। बाद में वही तस्वीर इंटरनेट पर प्रसारित की थी।
तस्वीर और वीडियो के लिए वसूली रकम
तस्वीर तथा वीडियो देकर कई मीडिया कर्मियों से रकम भी वसूली थी। बता दें कि हिंसा के मामले में 14 अगस्त तक 231 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपितों में से किसी के बारे में यह दावा नहीं किया गया कि मास्टर माइंड कौन है? जबकि लोग यह जानना चाहते हैं कि सुनियोजित हिंसा का षडयंत्र किसने रचा था। वह चेहरे अभी तक सामने नहीं आए हैं।
सुनियोजित तरीके से हिंसा को अंजाम दिया गया, यह बात प्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर प्रदेश के गृहमंत्री तक कह चुके हैं। घटना केवल बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर के एक दिन पहले दिए विवादित बयान के चलते नहीं हुई। तैयारी पहले से की जा रही थी। पत्थर छतों में जमा किए गए। बोतलों में पेट्रोल भरकर रखा गया। हिंसा के दस दिन पहले ही बैठक हुई और किसे क्या कराना है, उसकी भूमिका तय की गई थी।
बैठक में कई यूट्यूबर भी शामिल रहे हैं, जिन्होंने हिंसा के दौरान की तस्वीर भी प्रसारित की थी। यह मैसेज डाला गया कि मोनू मानेसर को भरतपुर की पुलिस ने उठा लिया, लेकिन यात्रा में शामिल लोग उसे नहीं ले जाने दे रहे हैं। हालांकि, सच्चाई इसके उलट थी, मोनू यात्रा में शामिल भी नहीं हुआ था। जांच की आंच जिन यूट्यूबर तक पहुंची उनमें अधिकतर आठवीं पास हैं, पैसा कमाने के लिए तथा अपने यू-ट्यूब चैनल के लिए अधिक से अधिक फालोअर्स बनाने के लिए ऐसा किया।
कईयों को पूछताछ के बाद छोड़ा
हिंसा के बाद पुलिस ने 232 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पचास आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। तीन सौ अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया पर सबूत नहीं पाये जाने पर उन्हें छोड़ भी दिया। एक आरोपित मुनफेद को पुलिस मुठभेड़ में पैर गोली भी लग चुकी है। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
नूंह पुलिस द्वारा जब्त किए गए वीडियो में अधिकतर आरोपितों द्वारा ही बनाए गए हैं। एसआइटी की जांच पूरी होने के बाद बताया जाएगा कि हिंसा का षडयंत्र रचने तथा अंजाम देने और बाद में वीडियो डालने में कौन-कौन से मुख्य चेहरे थे। यूट्यूबर्स ने एक दूसरे से आगे निकलने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ी। - प्रवक्ता, नूंह पुलिस