Cyber Crime In Haryana: झारखंड के जामताड़ा के बाद साइबर ठगी का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बना हरियाणा का मेवात
हरियाणा-राजस्थान के मेवात में बैठे प्रोफेशनल ठग आए दिन सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मेवात में बैठे साइबर ठग कम पढ़े लिखे होने के बावजूद देश के महानगरों में बैठी हाई प्रोफाइल सोसायटी के लोगों को बड़ी आसानी से चूना लगा देते हैं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 07:20 AM (IST)
नूंह/फिरोजपुर झिरका [अख्तर अलवी]। देश की राजधानी से सटा मेवात इलाका जहां अपनी बदहाली और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता है, वहीं यह इलाका अब साइबर ठगों और टटलूबाज गिरोह के संचालन के नाम से भी पहचान बनाने लगा है।
अन्य राज्यों के लोगों से करते हैं ठगी जामताड़ा के बाद साइबर क्राइम के मामलों में देश का दूसरा सबसे बड़ा केन्द्र बने हरियाणा-राजस्थान के मेवात में बैठे प्रोफेशनल ठग अए दिन विभिन्न राज्यों के सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाते हैं और उनसे लाखों की ठगी करते हैं।
असामाजिक तत्व कर रहे इलाके की छवि खराब यहां आए दिन साइबर ठगों की तलाश में किसी न किसी राज्य की पुलिस छापामारी करती देखी जा सकती है। यहां बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं से निश्चित ही कुछ असामाजिक तत्व इस इलाके की छवि को धूमिल करने का काम रहे हैं। जो चिंता का विषय है।
कई राज्यों के लिए सिर दर्ज बना इलाका बता दें कि हरियाणा-राजस्थान की सीमाओं पर बसे मेवात इलाके की आबादी करीब 30 लाख से अधिक है। यह इलाका जहां मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में गिना जाता है, वहीं इसे आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के लिए भी जाना जाता है। किन्तु विंगत कुछ सालों में यहां तेजी से बढ़े साइबर अपराध के मामलों से यह क्षेत्र कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
यहां पर बैठे साइबर अपराधी जहां झोपडिय़ों में बैठकर आनलाइन ठगी करते हैं, वहीं इन बदमाशों द्वारा राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तथा महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में एटीएम मशीनों को हैक करने की घटनाओं को अंजाम देने के साथ ही रुपये लूटने का काम किया है। हाल के दिनों में महाराष्ट्र, बैंगलूरु, आगरा, जयपुर तथा हैदराबाद की पुलिस ने यहां दबिश देकर कई साइबर ठगों को काबू किया है।
कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन फिर भी लगा देते हैं चूना दरअसल इन बदमाशों के पास बात करने की ऐसी कला है जिससे वो दूसरे व्यक्ति को बड़ी आसानी से अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। इन बदमाशों ने फिल्म अभिनेताओं, सैन्य कर्मीयों तथा कई प्रतिष्ठित नेताओं को भी चुना लगाया है। बीते वर्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी को भी साइबर ठगों ने अपने चंगुल में फंसा लिया था।
साइबर क्राइम पर एक नजरमेवात में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं। राजस्थान पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 और 2022 के बीच 560 से अधिक साइबर क्राइम के मामले रिकार्ड हुए। इनमें अधिकांश मामले भरतपुर, अलवर तथा भिवाड़ी में अंकित किए गए थे। इसी तरह नूंह में वर्ष 2021 और 2022 के बीच 49 मामले अंकित किए गए हैं। नूंह पुलिस द्वारा इन मामलों से जुड़े 21 अपराधियों की गिरफ्तारी कर उनसे रिकवरी की जा चुकी है। साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए दोनों राज्यों की पुलिस प्रयासों में जुटी हुई हैं, लेकिन बावजूद इसके मामलों में कमी नहीं आ रही है।
नूंह में खोला गया है साइबर थाना जिले में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला मुख्यालय पर बीते माह साइबर क्राइम का नया थाना खोला गया है। इसमें एक इंस्पेक्टर सहित 16 प्रशिक्षित पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इन्हें संबंधित उपकरण मुहैया कराए गए हैं ताकि साइबर अपराध पर काबू पाया जा सके।लोगों को पुलिस ने दी सलाह, बरतें सतर्कता
साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मलखान सिंह ने बताया कि साइबर थाना खुलने के बाद एक हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है जिसपर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे फोन पर आने वाले मैसेज या काल के दौरान किसी अंजान व्यक्ति से बात न करें अन्यथा वे साइबर ठगी के शिकार हो जाएंगे।
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