Nuh Violence: कर्फ्यू के बीच भक्तों के लिए खुला नलहड़ का शिव मंदिर, चप्पे-चप्पे पर तैनात ITBP के जवान
नूंह जिले के नलहड़ स्थित प्राचीन शिव मंदिर का एक सप्ताह पहले 31 जुलाई (सोमवार) को नजारा अलग था लेकिन अब नजारा कुछ और दिखाई दे रहा है। 31 जुलाई को दंगाइयों द्वारा हमला करने से शिव मंदिर में फंसे लोग सुरक्षा के लिए चीख-पुकार कर रहे थे। इस दौरान हुई हिंसा ने नूंह समेत आसपास के जिलों को प्रभावित किया था।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 07 Aug 2023 08:11 PM (IST)
नूंह, जागरण संवाददाता। नूंह जिले के नलहड़ स्थित प्राचीन शिव मंदिर का एक सप्ताह पहले 31 जुलाई (सोमवार) को नजारा अलग था, लेकिन अब नजारा कुछ और दिखाई दे रहा है। 31 जुलाई को दंगाइयों द्वारा हमला करने से शिव मंदिर में फंसे लोग सुरक्षा के लिए चीख-पुकार कर रहे थे। इस दौरान हुई हिंसा ने नूंह समेत आसपास के जिलों को प्रभावित किया था।
सुबह नौ बजे से कर्फ्यू में छूट मिलते ही लोग परिवार के साथ भगवान भोले की आराधना करने के लिए मंदिर की ओर जाते नजर आए। मंदिर में भंडारा भी चल रहा था। कई तो वो लोग थे, जो हिंसा के दिन मंदिर में फंसे थे और मंदिर में अरावली पहाड़ी के ऊपरी छोर से दनादन चल रही गोली और पत्थरों की आवाज से सहमे हुए थे।
उन लोगों ने यह प्रण ले लिया था कि अगर आज (31 जुलाई) बच गए तो अगले सोमवार को बाबा के दर्शन करने के लिए जरूर आएंगे। खेड़ला चौक से ही मंदिर जाने वाले रास्ते पर पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बलों की कड़ी चौकसी देखने को मिली।
हिंसा के बाद लगाया था कर्फ्यू
नूंह में हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दो होमगार्ड भी शामि थे। नूंह के बाद आसपास के जिलों गुरुग्राम, पलवल, रेवाड़ी, फरीदाबाद तक हिंसा पहुंच गई थी। इसके बाद नूंह में कर्फ्यू और बाकी के जिलों में धारा 144 लागू कर दी थी। साथ ही नूंह में इंटरनेट बंद कर दिया गया था।157 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
नूंह में बजरंग दल द्वारा निकाली गई जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा हो गई थी। इस दौरान दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए थे। पुलिस इस मामले में सोमवार तक 157 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 19 आरोपित आठ जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड पर हैं। हिंसा के मामले में जिले में अब तक 56 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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