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Nuh Violence: तय शर्त पर प्रशासन से फिर मिल सकती है जलाभिषेक यात्रा की अनुमति, हिंसा के बाद रह गई थी अधूरी

नूंह में फिर से जलाभिषेक यात्रा निकालने पर गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होने तक यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। संभावना है कि पचास या सौ से अधिक लोगों को ही शामिल रखने के लिए शर्त पर यात्रा की अनुमति दी जा सकती है। यात्रा के दौरान हर दस किलोमीटर क्षेत्र में एक डयूटी मजिस्ट्रेट तथा सुरक्षा नोडल अफसर की तैनाती होगी।

By Satyendra SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Sun, 20 Aug 2023 11:20 PM (IST)
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तय शर्त पर प्रशासन से मिल सकती जलाभिषेक यात्रा की अनुमति
नूंह, जागरण संवाददाता। 31 जुलाई को निकाली गई ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा हिंसा की वजह से पूरी नहीं हो सकी थी। विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों की ओर से 28 अगस्त को फिर से यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है।

शुक्रवार को एक हिंदू संगठन के पदाधिकारी से हुई मुलाकात के दौरान प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज यह कह चुके हैं कि हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होने तक यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा है कि जिला में अभी धारा 144 लागू हैं। इसके बाद भी प्रशासन अपने स्तर पर हर तरह की तैयारी करने में लगा हुआ है। अरावली की तलहटी में स्थित नल्हड़ मंदिर की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था भारत-तिब्बत सीमा बल के पास है।

शर्त के साथ दी सकती यात्रा अनुमति

यहां पर सौ जवान हैं, जो गेट से लेकर मंदिर परिसर पर निगरानी रखते हैं। मोबाइल लेकर भी कोई भी व्यक्ति मंदिर के अंदर नहीं जा सकता है। मंदिर जाने वाली सड़क पर वाहनों को जांच के बाद ही जाने दिया जाता है। हिंसा से पहले जहां मंदिर में दिन में दो सौ से तीन सौ भक्त ही आम दिनों में जाते थे। वहीं अब इनकी संख्या आधी है। अगर यात्रा निकालने की अनुमति भी दी गई तो पचास या सौ से अधिक लोगों को ही शामिल रखने के लिए शर्त रखी जाएगी।

पूरी यात्रा के दौरान हर दस किलोमीटर क्षेत्र में एक डयूटी मजिस्ट्रेट तथा सुरक्षा नोडल अफसर की तैनाती होगी। तलवार तथा त्रिशूल लेकर चलने पर भी रोक लग सकती है। प्रशासन कीर ओर से पूरी यात्रा की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी ताकि कोई भी भड़काऊ बयान दे तो उसे रिकॉर्ड कर कार्रवाई की जा सके। बता दें कि 31 जुलाई को नल्हड़ स्थित अरावली की पहाड़ी की तलहटी में स्थित प्राचीन शिवमंदिर से निकली यात्रा में शामिल लोगों पर नूंह के खेड़ला चौक पर मुस्लिम युवकों ने पथराव कर दिया था।

यात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा

गोली भी चलाई गई थी। इसके बाद हिंसा पूरे जिले में नहीं सोहना गुरुग्राम, रेवाड़ी तथा पलवल में हुई थी। नूंह में कर्फ्यू लगा हालात नियंत्रण में किए गए। अभी भी रात का कर्फ्यू तथा धारा 144 लागू हैं। हिंदू संगठनों के पदाधिकारी यह कहकर फिर से यात्रा निकालने के दावे कर रहे हैं। कि यात्रा खंडित हो गई थी। अंतिम छोत्र सिंगार तक पहुंचने के पहले ही बवाल हो गया था जिससे यात्रा पूरी नहीं हो सकी।

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि हालात तेजी से सुधर रहे हैं। एक बार फिर से शांति व्यवस्था पटरी पर आ चुकी है। प्रस्तावित यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कई दिन हैं। उच्च अधिकारी यहां पर कैंप कर रहे हैं। उनसे प्रतिदिन की स्थिति पर चर्चा हो रही है। वह सरकार को रिपोर्ट भी भेज रहे हैं। फैसला उच्च अधिकारी लेंगे। उनके निर्देश पर ही अनुमति देना और नहीं देने की बात तय होगी।

नल्हड़ मंदिर की चौकसी कड़ी

अरावली की तलहटी में स्थित नल्हड़ मंदिर की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था भारत-तिब्बत सीमा बल के पास है। यहां पर सौ जवान है जो गेट से लेकर मंदिर परिसर पर निगरानी रखते हैं। मोबाइल लेकर भी कोई भी व्यक्ति मंदिर के अंदर नहीं जा सकता। मंदिर जाने वाली सड़क पर वाहनों को जांच के बाद ही जाने दिया जाता है।

हिंसा से पहले जहां मंदिर में दिन में दो सौ से तीन सौ भक्त ही आम दिनों में जाते थे, वहीं अब इनकी संख्या आधी है। सावन के सोमवार को दूसरे राज्यों से तथा नूंह और गुरुग्राम से तीन से चार हजार लोग भोले के दर्शन करने के लिए आते थे। हिंसा के बाद सोमवार को भक्तों की संख्या 800 से 900 रहने लगी है।

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