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Nuh Violence: एक ही व्यक्ति ने डाली थी 305 भड़काऊ पोस्ट, नूंह हिंसा पर साइबर सेल ने कई चेहरे किए बेनकाब

कई संदिग्ध ऐसे हैं जो एक विधायक के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे लोगों के गिरेबान तक हाथ पहुंचाने के लिए एसआइटी में शामिल पुलिस अधिकारी भी सोच-समझकर अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। वह गिरफ्तार करने के पहले नाम तक बताने को तैयार नहीं है। अधिक जोर देने पर इतना कह देते हैं कि भूमिका संदिग्ध है। आगे जांच की जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 19 Aug 2023 06:55 AM (IST)
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एक ही व्यक्ति ने डाली थी 305 भड़काऊ पोस्ट (file photo)

सत्येंद्र सिंह, नूंह: 31 जुलाई को धार्मिक यात्रा के दौरान यात्रा में शामिल हिंदू संगठनों के लोगों पर गोली और पत्थर चला वाहनों को आग लगाने वालों के चेहरे धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। साइबर सेल की जांच रिपोर्ट में ऐसे कई नाम सामने आए हैं जिन्होंने हिंसा से पूर्व और हिंसा के बाद इंटरनेट मीडिया को प्लेटफार्म बना पूरे जिला को जलाने का काम किया।

जांच रिपोर्ट में कई संदिग्धों के नाम और उनके मोबाइल नंबर दर्ज हैं। जिससे वह फेस बुक तथा वाटसएप में भड़काऊ पोस्ट और तस्वीर पोस्ट कर प्रसारित की। संदिग्ध वाली लिस्ट में शामिल एक व्यक्ति ने हिंसा के पहले और हिंसा वाले दिन 305 भड़काऊ पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर डाली हैं। कई घर से ही आग में घी डालने का काम कर रहे थे कुछ ऐसे भी जो सड़कों पर उतर युवाओं को आग लगाने वाहन जलाने तथा तोड़फोड़ करने के लिए उकसा रहे हैं।

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एसआइटी जांच कर रही है

तीन आरोपितों अरशद, तौफिक तथा उमरदीन को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अन्य के कृत्य की जांच एसआइटी जांच कर रही है। जल्द ही सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। पुलिस की लिस्ट में एक ऐसा भी नाम है जिसके ऊपर आरोप है कि वह एक कदावर नेता के घर के सामने से ही हिंसा में शामिल मुस्लिम लड़कों को बड़ा कांड करने के लिए लगातार उकसा रहा था।

इसके अलावा भी कई संदिग्ध ऐसे हैं जो एक विधायक के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे लोगों के गिरेबान तक हाथ पहुंचाने के लिए एसआइटी में शामिल पुलिस अधिकारी भी सोच-समझकर अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। वह गिरफ्तार करने के पहले नाम तक बताने को तैयार नहीं है। अधिक जोर देने पर इतना कह देते हैं कि भूमिका संदिग्ध है। आगे जांच की जा रही है।

सबूत पूरी तरह एकत्र करने के बाद संदिग्धों लिस्ट में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिए जाएगा। पुलिस अब तक की जांच में यही माना जा रहा है कि हिंसा केवल माेनू मानेसर तथा बिट्टी बजरंगी के विवादित बयान के बाद भड़की बल्कि इसके लिए साजिश पहले से की जा रही थी बस मौके की तलाश हो रही थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक यह कह चुके हैं कि हिंसा का षडयंत्र सुनियोजित तरीके से किया गया था। इसके पीछे दूसरे जिलों के लोग भी शामिल हैं।