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Nuh News: नूंह में बुखार-उल्टी से एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत; चौथा गंभीर रूप से बीमार; गांव में मचा हड़कंप

हरियाणा के नूंह में एक ही परिवार के तीन बच्चों की नौ दिन के अंतराल में मौत हो गई। तीन बच्चों की मौत के बाद एक और बच्चा गंभीर रूप से बीमार है उसका फरीदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक ही परिवार के तीन बच्चों की नौ दिन के अंदर मौत से गांव में हड़कंप मच गया है।

By Satyendra SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Mon, 30 Oct 2023 06:50 PM (IST)
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नूंह में बुखार-उल्टी से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
जागरण संवाददाता, तावडू (नूंह)। गांव चाहल्का की ढाणी में एक ही परिवार के तीन बच्चों की नौ दिन के अंतराल में मौत हो गई। एक बच्चा गंभीर रूप से बीमार है, उसे फरीदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुरू की जांच

आक्सीजन का स्तर बेहद कम होने के चलते बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया है। तीन बच्चों की मौत तथा चौथे की हालत गंभीर हाेने की सूचना मिलने पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और जांच शुरू की। गांव चाहल्का की ढाणी में एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों की मौत होने से गांव में मातम पसरा हुआ है।

वहीं चौथा चार वर्षीय बच्चा अभी भी फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहा है। एक ही परिवार में तीन मासूम बच्चों की मौत की सुनकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप बच गया है। विभाग की टीम गांव में पहुंच जांच में जुट गई है।

दिमागी बुखार की चपेट में आने की आशंका

यह माना जा रहा है कि बच्चों की मौत मैनिंजाइटिस (दिमागी बुखार) की चपेट में आने से हुई है। बच्चों को पहले बुखार आया फिर उन्हें उल्टी होने लगी तथा सांस लेने में परेशानी हो रही थी। यह लक्षण मैनिंजाइटिस के ही होते हैं। गांव में रहने वाले साहून के चार साल के बेटे अदनान काे 19 अक्टूबर की शाम बुखार आया और उसके बाद उल्टी होने लगी।

दो घंटे बाद बच्चे ने होश खो दिए। वह उल्टा सीधा बोलने लगा। बच्चे को तावड़ू के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए भिवाड़ी रेफर कर दिया। उसके बाद भिवाड़ी से अलवर ले गए तो वहां अगले दिन अदनान ने दम तोड़ दिया। जब वह अपने बच्चे के शव को लेकर गांव पहुंचते इससे पहले उनकी

सात वर्षीय बेटी अलीशा को बुखार के बाद उल्टी होने लगी। नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया। जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने वेंटिलेटर पर रखने की बात कही, लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं होने के कारण बिना उपचार के अलीशा ने भी दम तोड़ दिया।

उसके बाद तीसरे दिन उनके चार साल के भतीजे नाजिश को भी बुखार के बाद उल्टी होने लगी, जिसे भिवाड़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया, जबकि बुखार और उल्टी से पीडित साहून दूसरी भतीजा दानिश (चार वर्ष) फरीदाबाद के निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें गिन रहा है।

गांव में मचा हुआ हड़कंप

गांव में एक साथ एक ही परिवार में तीन मासूम बच्चों की मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। ग्रामीण जाहिद,सोहराब, इस्लाम,सफी मोहम्मद, मौलाना आजाद आदि ने बताया कि बीते 10 दिनों से उनके घर में चूल्हा नहीं जल रहा है। घर की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है।

जिला में नहीं मिली स्वास्थ्य सुविधा

साहून के घर से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर भंगोह में उप स्वास्थ्य केंद्र है, वहां ग्रामीणों को कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलती। उस पर हमेशा ताला लटका रहता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सब कुछ जानबूझकर भी अंजान बने हुए हैं। जिले में करीब 800 करोड़ की लागत से तैयार किया गया नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भी लोगों को कोई स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही। मेडिकल कॉलेज रेफरल सेंटर बन कर रह गया है।

मैनिंजाइटिस की चपेट में आने की आशंका

अपनी टीम के साथ मोहम्मदपुर अहिर उपस्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ. चेताली गांव पहुंची। शुरुआती जांच में बच्चों में मैनिंजाइटिस के लक्षण सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि जो बच्चा फरीदाबाद में एडमिट है, वहां भी हमारी टीम जाकर चिकित्सकों से सीएसएफ एग्जामिनेशन कराएगी, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके।

इसके अलावा जिस बच्ची की नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में मौत हुई है। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि बीमारी क्या है। दिमागी बुखार से बचाव के बच्चों को टीका लगाया जाता है। इन बच्चों को टीका लगाया गया कि नहीं यह भी जांच की जा रही है।

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बीमारी के लक्षण

मैनिंजाइटिस में संक्रमित व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, त्वचा और होंठ का पीला होना, ठंड लगना आदि लक्षण पाए जाते हैं। बदलते मौसम में दिमागी बुखार का खतरा अधिक रहता है। इससे बच्चे अधिक संक्रमित होते हैं।

यह एक संक्रामक रोग है। इसके लिए आवश्यक सावधानियां जरूर बरतें। नियमित अंतराल पर हाथों को धोएं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के समय मुंह को ढककर रखना चाहिए। अगर घर में कोई व्यक्ति मैनिंजाइटिस से पीड़ित रहे, तो साफ़-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

साफ़-सफाई जरूरी है

बदलते मौसम में साफ़ सफाई जरूरी है। इससे संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। इसके लिए कोई भी चीज किसी से साझा न करें। खासकर टूथपेस्ट, तौलिया , साबुन आदि चीजों को अलग रखें

पानी अधिक पिएं

डाक्टर हमेशा रोजाना 2-3 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में मौजूद टाक्सीन बाहर निकल जाता है। इसके लिए शारीरिक क्षमता अनुसार पानी जरूर पिएं। लक्षण दिखाई देते ही डाक्टर को दिखाएं।

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