दो सगे भाइयों ने सगी बहनों के साथ किया रिश्तों को शर्मसार करने वाला काम
दिल्ली से सटे हरियाणा के नूंह जिले में एक गांव में ब्याही दो सगी बहने को उनके पतियों (दोनों सगे भाई) ने तीन बार तलाक-तलाक बोलकर घर से निकाल दिया।
फिरोजपुर झिरका/नूंह [अख्तर अलवी]। सरकार ने तीन तलाक को लेकर भले ही सख्त कानून बना दिया मगर लोगों के अंदर डर कानून का भय नहीं है। यहां के एक गांव में ब्याही दो सगी बहने को उनके पतियों (दोनों सगे भाई) ने तीन बार तलाक-तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। दोनों ने ऐसा इसलिए किया कि महिलाओं के पिता उनकी ससुराल वालों द्वारा कार मांगे जाने की डिमांड पूरी नहीं कर पा रहे थे। सगी बहनों द्वारा दर्ज कराए गए मामले के बाद फिरोजपुर झिरका थाना पुलिस जांच कर रही है।
यहां के गांव पाड़ला शाहपुरी के रहने वाले इस्लामूदीन ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने बेटी अंजुम करिश्मा व शमा करिश्मा की का निकाह सिधरावट गांव के रहने वाले सुबान खां के पुत्र वसीम व वारिस के साथ किया था। निकाह के दौरान उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक दान दहेज भी दिया था। लेकिन इससे आरोपित पक्ष के लोग खुश नहीं थे। उसने लगातार कार देने की मांग की जा रही थी। मांग पूरी नहीं होने पर उनकी बेटियों को मारा-पीटा जाता था। दो दिन पहले फिर कार की डिमांड की गई मना करने पर अपने पिता व मां के कहने पर वसीम व वारिस ने अपनी पत्नियों को पीटा और तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया।
जांच अधिकारी दयाचंद ने बताया वसीम, वारिस व सुबान खां व आसिया के खिलाफ धारा 323, 498, 406, 506 और 34 आइपीसी के अलावा मुस्लिम वूमेन प्रोटेक्शन राइट मैरिज एक्ट की धारा चार के तहत अभियोग अंकित किया गया है। फरार आरोपितों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
गौरतलब है कि तीन तलाक देना देश में गैरकानूनी है, क्योंकि तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) तीन तलाक कानून बन गया है। यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू है।
इस कानून में तत्काल 3 तलाक गैरकानूनी है और तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत की स्थिति में पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। बिल में तीन साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।
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