संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका: दुनिया के कई देश आज जल के संकट की स्थिति से जूझ रहे हैं। इसके पीछे का कारण भी स्पष्ट है, वो ये कि आज प्राकृतिक संसाधनों का विनाश कर बड़े स्तर पर विकास के पैमाने को अपनाया जा रहा है। दुनिया औद्योगीकरण की राह पर है, ऐसे में औद्योगिक क्षेत्रों में न केवल बड़े पैमाने पर जल दोहन किया जा रहा है बल्कि उसे प्रदूषित करने का भी काम किया जा रहा है। इन हालातों में स्वच्छ और रोग रहित जल मिल पाना कठिन हो रहा है। फलस्वरूप जल संकट हम सभी के सामने है। अगर हम जल संरक्षण के प्रति सजग नहीं हुए तो निश्चित ही हमें आगे चलकर इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जल संकट को देखते हुए हमें इसके लिए जागरूक होने के साथ-साथ जल का महत्व समझकर इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी को उठानी पड़ेगी।
जल जीवन मिशन योजना से जल संरक्षण की उम्मीद: केंद्र सरकार की योजना के तहत जिले में जल जीवन मिशन योजना शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत सरकार ने प्रत्येक घर को पानी मुहैया कराया है। योजना के अंतर्गत लोगों को मुफ्त कनेक्शन देकर उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जा रहा है। वहीं इससे जल संरक्षण को बल देने का काम किया जा रहा है। इसी साल रेनीवेल परियोजना को भी लोगों को समर्पित किया जाएगा।
सामूहिक प्रयास को नहीं किया जा सकता नजरअंदाज: मेवात क्षेत्र में हमेशा से पीने के पानी की कमी रही है। ऐसे में जल सरंक्षण को लेकर क्षेत्र के कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस मुहिम को चलाकर लोगों को जागरूक करने में अपना पूरा जीवन लगा चुके हैं। ऐसी ही एक शख्सियत मेवात क्षेत्र में जन्में 55 वर्षीय हाजी इब्राहिम हैं। मूल रूप से फिरोजपुर झिरका खंड के गांव बघोला के रहने वाले हाजी इब्राहिम हरियाणा और राजस्थान के मेवात क्षेत्र के जल बिरादरी के अध्यक्ष हैं। उनके अथक प्रयासों के चलते आज कई क्षेत्रों में पानी बचाने की मुहिम से लोग जुड़े हैं। उनका सबसे सराहनीय कदम गांव घाटा शमशाबाद में बनाया गया बांध है। अरावली की तलहटी में बसे इन दो गांवों में पानी की घोर समस्या थी। उन्होंने जल सरंक्षण के लिए काम कर रही संस्थाओं व ग्रामीणों के सहयोग से काम में एक बांध बनवाया। उनके इस प्रयास से आज गांव में पीने लायक पानी मौजूद है। इस बांध में बरसात के पानी को सरंक्षित किया जाता है। हाजी इब्राहिम ने बताया कि हरियाणा और राजस्थान से लगते मेवात क्षेत्र में पानी की विकट समस्या है। यहां के भिवाड़ी और अलवर में जब से औघोगिक क्षेत्र स्थापित हुए हैं तभी से अवैध तरीके से फैक्ट्रियों द्वारा धरती के सीने से अंधाधुंध पानी को निकाला जा रहा है। इसके लिए उनकी लड़ाई जारी है। इसके अलावा राजस्थान सरकार अलवर व भिवाड़ी के कई इलाकों में करीब 43 शराब व बीयर बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस जारी किए गए थे। लेकिन हमने इनके खिलाफ लड़ाई लड़कर 43 में से 39 कंपनियों का लाइसेंस रद करवाया। यदि यह शराब और बीयर की फैक्ट्रियां यहां लगती तो निश्चित ही धरती के सीने से एक बार फिर अंधाधुंध पानी ढोया जाता। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस क्रम में जुड़ी संस्थाओं के साथ मिलकर कई राज्यों में जल यात्राएं निकाली गई हैं। इन यात्राओं के माध्यम से लोगों को जल सरंक्षण के लिए जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि मेवात क्षेत्र में पानी की विशेष कमी को लेकर बीते वर्ष पहले जल जमात पद यात्रा निकाली गई थी। इसमें विशेष रूप से मेवात क्षेत्र के लोगों को पानी के प्रति जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आज भी मेवात क्षेत्र की आधी से ज्यादा आबादी खारा और दूषित जल पी रही है। इसपर सरकार को यहां इस क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है। जिले का जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जिले में जल संरक्षण को लेकर पूरी तरह गंभीर है। इसके लिए विभाग द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को पानी का महत्व बताकर जल संरक्षण मुहिम को बल दिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि जल संरक्षण के संबंध में सभी तरह के सफलतम और सामूहिक प्रयास किए जाएं। - महेश कुमार एक्सईएन जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नूंह।