पलवल के हजारों गन्ना किसानों के लिए गुड न्यूज, 15 नवंबर से शुरू हो जाएगा चीनी मिल का पेराई सत्र
पलवल सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र 2023-24 का शुभारंभ 15 नवंबर दिन बुधवार को किया जाएगा। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल सहकारी चीनी मिल के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर पेराई सत्र का शुभारंभ करेंगे। तकनीकी खामियों के कारण बीते कई वर्षों में मिल सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है जिसकी वजह से पेराई सत्र मई माह तक चल रहा है।
जागरण संवाददाता, पलवल। द सहकारी चीनी मिल पलवल की प्रबंध निदेशक शशि वसुंधरा ने बताया कि पलवल सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र 2023-24 का शुभारंभ 15 नवंबर दिन बुधवार को किया जाएगा।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल सहकारी चीनी मिल के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर पेराई सत्र का शुभारंभ करेंगे। बता दें कि तकनीकी खामियों के कारण बीते कई वर्षों में मिल सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है, जिसकी वजह से पेराई सत्र मई माह तक चल रहा है।
पिछली बार चार दिसंबर से शुरू हुआ था पेराई सत्र
गर्मी की वजह से बड़ी मात्रा में किसानों का गन्ना खेतों में ही सूख जाता है। इससे गन्ने में चीनी की रिकवरी मात्रा कम हो जाती है। पिछले सीजन में भी पेराई सत्र सवा महीने देरी से शुरू हुआ।
पिछली बार चार दिसंबर से शुरू हुआ पेराई सत्र चार जून तक चला था। चीनी मिल देरी से शुरू होने से गन्ना उत्पादक किसानों को परेशानी में डाल दिया है। चीनी शुगर मिल चलने में देरी के कारण किसानों को पिछली बार की तरह नुकसान होने का डर सता रहा है।
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शुगर मिल नहीं चलने से नाराज किसान नेताओं ने चलाया जनसंपर्क अभियान
शुगर मिल नहीं चलने के विरोध में आगामी नौ नवंबर को होने वाले प्रदर्शन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को किसान नेताओं ने प्रदर्शन की सफलता के लिए गन्ना उत्पादक गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया।
किसान नेताओं ने कहा कि समय पर शुगर मिल नहीं चलने का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। मंगलवार को किसान नेताओं ने गांव दीघौट, खांबी, रायदासका, रुंधी, लाडियाका आदि में जनसंपर्क अभियान चलाया।
इस दौरान किसानों से प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि शुगर मिल पलवल मिल प्रबन्धक शशि वसुंधरा से पिछले दिनों उनके कार्यालय में किसान मोर्चा पलवल के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी।
मुलाकात में शुगर मिल को एक नवंबर से शुरू करने की मांग की थी। जिस पर शशि वसुंधरा ने मिल को नवंबर के पहले सप्ताह में चलाने का आश्वासन दिया था। किसान नेताओं ने कहा कि पिछले वर्ष मिल समय पर न चलने के कारण किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा था।
समय पर मिल चलने से खेत खाली होने पर किसान, गेहूं आदि अन्य फसलों की बिजाई कर सकते हैं। इसी के साथ क्षेत्र के अंदर डीएपी खाद की किल्लत से किसान को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि गन्ना का मूल्य बहुत कम है जबकि लागत बहुत अधिक है, इसलिए गन्ना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए।