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पलवल में हरियाणा CM: मनोहर लाल ने दुधौला में बने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के नए परिसर का किया उद्घाटन

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के निर्माण पर तीन चरणों में 1 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 426 करोड़ रुपए की परियोजना के तहत अभी तक 357 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नए पसिर में 10 ब्लॉक का लोकार्पण किया। जिसमें 6 शैक्षणिक ब्लॉक हैं।

By Ankur AgnihotriEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 20 Nov 2023 12:46 PM (IST)
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CM मनोहर लाल ने दुधौला में बने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के नए परिसर का किया उद्घाटन
जागरण संवाददाता, पलवल। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी दुधौला पलवल में 82 एकड़ में बनकर तैयार हुए नए परिसर का उद्घाटन किया। इस समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के उच्च शिक्षा एवं परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, पृथला के विधायक नयनपाल रावत, विशेष रूप से मौजूद थे।

तीन चरणों में खर्च होंगे 1 हजार करोड़ रुपये

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के निर्माण पर तीन चरणों में 1 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 426 करोड़ रुपए की परियोजना के तहत अभी तक 357 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि नए पसिर में 10 ब्लॉक का लोकार्पण किया। जिसमें 6 शैक्षणिक ब्लॉक हैं। जिनमें 69 क्लास रूम हैं और अधिकतर स्मार्ट क्लासरूम हैं। इनमें कंप्यूटर लैब भी हैं और एक प्रशासनिक भवन है जिसका नाम तक्षशिला रखा गया है।

विश्वविद्यालय परिसर में लगाया गया 1.2 मेगावाट का सोलर प्लांट 

एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनकर तैयार हो गया है। इसमें लैब, सोलर लैब, एडवांस इलेक्ट्रिक लैब, इलेक्ट्रोनिक लैब, वेल्डिंग लैब हैं। इसके अलावा छात्र एवं छात्राओं के लिए 2 छात्रावास बन कर तैयार हो गए हैं। इनमें 500-500 बेड की क्षमता है। विश्वविद्यालय परिसर में 1.2 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया गया है। साथ ही एसटीपी भी स्थापित किया जा रहा है। जल शोधन करके उसे कृषि और बागवानी में इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग का भी बंदोबस्त किया गया है।

युवाओं के हाथों में कौशल देना समय की मांग

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि युवाओं के हाथों में कौशल प्रदान करना आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञानवर्धन का एक पहलू है, लेकिन व्यावहारिक हमारी कला के अंदर छुपा हुआ है। कौशल के माध्यम से ही व्यक्ति की प्रतिभा निकलकर सामने आती है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय 42 प्रोग्राम चला रहा है और काफी सारे शॉर्ट टर्म कोर्स भी चलाए जा रहे हैं।

कैंपस प्लेसमेंट 82 प्रतिशत पर पहुंच गई है और काफी विद्यार्थी उद्यमी बन रहे हैं। अफ्रीका और जापान सहित कई देशों के प्रतिनिधिमंडल भ्रमण के लिए आ चुके हैं। कई राज्य विश्वविद्यालय के मॉडल को फॉलो कर रहे हैं। कुछ विद्यार्थियों को विदेशों में रोजगार मिला है। 3 विद्यार्थी और 3 शिक्षक कैंब्रिज पढ़ने के लिए जाएंगे।

देश का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल

देश का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल हमने विश्वविद्यालय में बनाया है। जिसमें ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, डाटा साइंस, ब्यूटी वैलनेस और योग जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में ई व्हीकल निर्माण की दिशा में भी काम चल रहा है। मॉडल के तौर पर एक व्हीकल का विद्यार्थियों ने निर्माण किया है जो की पूरी तरह से स्क्रैप से बनाया गया है।

यूनिवर्सिटी परिसर में कई आधुनिक व्यवस्था की गई हैं। विदेश से पढ़ने के लिए आने वाले विद्यार्थियों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल बनाया गया है। साथ ही शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए आवास भी बनाए गए हैं। उद्योग के साथ इंटीग्रेटेड कोर्स चलाए जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के सृजन में काफी मदद मिल रही है।

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