पलवल में करीब 50 घरों पर बुलडोजर चलने का खतरा, NHAI ने 15 दिन में मकान हटाने का दिया नोटिस
नोटिस के बाद ग्रामीणों में अपना आशियाना टूटने की चिंता सता रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि सर्विस लेन के साथ जबरदस्ती उनकी जमीन पर कब्जा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला उपायुक्त को बताया कि वर्ष 1991 से 1995 के बीच राजमार्ग को चौड़ा करके चार लेन बनाया गया था। उस समय एनएचएआइ ने अपने हिसाब से पैमाइश कराकर सड़क को चौडा करा दिया।
जागरण संवाददाता, पलवल। एनएचएआई ने बघौला गांव में 37 लोगों के घरों में नोटिस चस्पा किए हैं। चस्पाए गए नोटिस में कहा गया है कि लोग 15 दिनों में अपने अपने घरों को हटा लें। अन्यथा एनएचएआई तोड़फोड़ की कार्रवाई अमल में लाएगी। विभाग की इस कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीणों में अपना आशियाना टूटने की चिंता सता रही है।
उपायुक्त से ग्रामीणों ने की मुलाकात
इस तोड़-फोड़ से घबराए ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त नेहा सिंह से मिल कर अपनी व्यथा बताई। उन्होंने न्याय की गुहार लगाते हुए दोबारा से पैमाइश कराए जाने की मांग की है। जिला उपायुक्त ने ग्रामीणों को सही से जांच कराए जाने का भरोसा दिलाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सर्विस लेन के साथ जबरदस्ती उनकी जमीन पर कब्जा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने सुरेश चौहान, राजपाल, देवकी, नेतराम, टेकचंद, तेजराज, राम प्रसाद, सोनू, धर्मबीर ने जिला उपायुक्त नेहा सिंह को बताया कि राजमार्ग छह लेन बनाए जाने के बाद बघौला गांव में व्हीकल अंडरपास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके साथ ही एनएचएआइ की ओर से सड़क किनारे बने निर्माणों पर निशानदेही कराकर उन्हें अवैध अतिक्रमण बताते हुए तोड़ फोड़ किए जाने के लिए नोटिस चस्पा दिए गे हैं।
दोबारा से पैमाइश कराने की मांग
उन्होंने जिला उपायुक्त को बताया कि वर्ष 1991 से 1995 के बीच राजमार्ग को चौड़ा करके चार लेन बनाया गया था। उस समय एनएचएआइ ने अपने हिसाब से पैमाइश कराकर सड़क को चौडा करा दिया। इसके बाद छह लेन बनाते वक्त सेंट्रल बर्ज को आधार मानते हुए सड़क किनारे पैमाइश करा निशानदेही करवाई गई, गांव के लोगों ने इसका विरोध करते हुए दोबारा से पैमाइश करवाई गई।
सही पैमाइश होने के बाद ग्रामीण सड़क किनारे अपनी अपनी जमीन पर काबिज हो गए। यहां तक कि पानी की लाइन, बिजली खंभा व ट्रांसफार्मर भी उसी हिसाब से लगा दिए गए। अब करीब नौ वर्ष बाद एनएचएआइ अंडरपास का निर्माण करवा रहा है। इसके साथ ही एनएचएआइ की ओर से अधिकृत कंपनी की ओर से नोटिस देकर कहा कि जिस जमीन पर वह बैठे हुए हैं, वह एनएचएआइ की है।
करीब 37 घरों को नोटिस देकर एनएचएआ ने अवैध निर्माण बताते हुए उन्हें तोडे़ जाने को कहा है, इससे सड़क किनारे बैठे लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। इस संबंध में गांव के लोग डीआरओ से भी मिले हैं। जिनसे दोबारा पैमाइश कराए जाने की मांग की गई है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें हर संभव न्याय दिया जाएगा।
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