Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पलवल के किसानों को बड़ी सौगात, मिलेगा करोड़ों का मुआवजा; यमुना नदी पर पुल बनाने की मंजूरी मिली

    पलवल के हसनपुर में यमुना नदी पर बनने वाले पुल के लिए 96 किसानों को सरकार ने 11.67 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मंजूरी दी है। मुआवज़े को लेकर निर्माण कार्य अटका हुआ था। बढ़ा हुआ मुआवज़ा मिलने से किसानों में खुशी है और पुल का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इस पुल से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।

    By Ankur Agnihotri Edited By: Rajesh Kumar Updated: Sat, 23 Aug 2025 11:38 AM (IST)
    Hero Image
    96 किसानों को सरकार ने 11.67 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मंजूरी दी है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पलवल। हसनपुर में यमुना नदी पर पुल के साथ अप्रोच रोड बनने वाले 96 किसानों को सरकार ने 11 करोड़, 67 लाख रुपये का मुआवजा देने की मंजूरी दे दी है। जबकि इससे पहले किसानों को 5 करोड़ 24 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा था, जिसका किसान विरोध कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुआवजे को लेकर लंबे समय से अटके हसनपुर में यमुना नदी पर पुल के साथ अप्रोच रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। अब बढ़ा हुआ मुआवजा मिलने से किसान खुश हैं।

    बता दें कि हसनपुर में यमुना नदी पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले पुल का निर्माण 11 पिलरों पर होना है। उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉर्पोरेशन इस पुल का निर्माण कर रहा है। 10 पिलरों का निर्माण उत्तर प्रदेश की सीमा में और एक पिलर का निर्माण हरियाणा में होना है।

    उत्तर प्रदेश में पिलरों का निर्माण लगभग तैयार है, लेकिन मुआवजे को लेकर सरकार और किसानों के बीच सहमति न बनने के कारण जिले के हसनपुर में बनने वाले 11वें पिलरों के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया था।

    इतना ही नहीं, हरियाणा की ओर बनने वाले 1.5 किलोमीटर लंबे अप्रोच रोड (पुल को सड़क से जोड़ने वाली ज़मीन) के लिए ज़मीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया था। लेकिन अब सरकार द्वारा मुआवज़ा मंज़ूर होने के बाद पुल बनने की उम्मीद जगी है।

    10.63 एकड़ ज़मीन का होगा अधिग्रहण

    लोक निर्माण विभाग को 11वें पिलर और अप्रोच रोड के लिए 10.63 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण करना है। पिलर निर्माण के लिए ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है। किसान को मुआवज़ा भी दे दिया गया है।

    उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने एजेंसी को ठेका भी दे दिया है। मानसून खत्म होते ही पिलर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वहीं, लोक निर्माण विभाग ने अप्रोच रोड के निर्माण के लिए साढ़े दस करोड़ का एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेज दिया है।

    हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राह होगी आसान

    लोक निर्माण विभाग को अप्रोच रोड का निर्माण करना है। जबकि अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के मालव से हसनपुर तक 538 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा किया जा रहा है। पुल के निर्माण से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।

    दोनों राज्यों के सैकड़ों गाँवों को लाभ होगा। यमुना नदी पर पक्के पुल का निर्माण आस्था से भी जुड़ा है। अधिमास में विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु बृज चौरासी कोस परिक्रमा करने आते हैं, लेकिन यमुना नदी पर पुल न होने के कारण श्रद्धालुओं को नाव आदि का सहारा लेना पड़ता है, जिससे कई श्रद्धालुओं की नदी में डूबकर मृत्यु हो चुकी है।

    2016 में हुई थी घोषणा

    नवंबर 2016 में हसनपुर में आयोजित एक रैली में जब लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल के समक्ष यह मुद्दा उठाया, तो उन्होंने पुल निर्माण की घोषणा की। 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके निर्माण को हरी झंडी दे दी।

    इसके लिए हरियाणा सरकार से भी सहमति ली गई। इसमें पुल निर्माण के लिए 45 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।

    निर्माण की जिम्मेदारी ब्रिज कॉर्पोरेशन को सौंपी गई। 2021 में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने पुल निर्माण का शिलान्यास किया था। 2022 में शिलान्यास के बाद जब पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो लोगों में उम्मीद जगी। निर्माण कार्य दो साल में पूरा होना था। यानी 2024 तक पुल बनकर तैयार हो जाना चाहिए था।

    व्यापार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है पुल

    उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे बसे उटासनी, मालव, जलगढ़ी, पखोदना, तिलकागढ़ी, माना गढ़ी, रायपुर, रामगढ़ी, शेरपुर, नरवारी, मणिगढ़ी जैसे दर्जनों गाँवों के लोग हसनपुर बाज़ार से खरीदारी करने आते हैं। लेकिन यमुना नदी पर पुल न होने के कारण लोग नाव से नदी पार करने से कतराते हैं। पुल बनने के बाद बाज़ार में व्यापार बढ़ेगा।

    रोटी-बेटी का रिश्ता 

    व्यापार के साथ-साथ हरियाणा का उत्तर प्रदेश से बेटी-रोटी का रिश्ता भी है। हसनपुर के आसपास के गाँवों के रिश्तेदार उत्तर प्रदेश के गाँवों में रहते हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग एक-दूसरे के यहाँ आते-जाते रहते हैं। यमुना नदी पर पुल न होने के कारण, लोगों को यमुना पार करने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है या हसनपुर से 25 किलोमीटर दूर हमदपुर में यमुना नदी पर बने पक्के पुल से होकर जाना पड़ता है।

    अधिक मास के दौरान, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा करने वाले लाखों श्रद्धालु नाव से यमुना नदी पार करते हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण, हर अधिक मास में श्रद्धालु यमुना नदी में डूबकर मर जाते हैं। इसलिए, यमुना नदी पर पुल का निर्माण भी आस्था से जुड़ा मुद्दा है।