ये कैसी रामलीला: रावण के दरबार में फूहड़ डांस का VIDEO, 'छत पे सोया था बहनोई' पर राक्षसों ने लगाए ठुमके
Dussehra से पहले देशभर में Navratri के समय रामलीला का आयोजन होता है। इसमें भगवान राम की लीलाओं से लेकर लंका विजय तक की पूरी कहानी दिखाई जाती है। पलवल में भी ऐसी ही रामलीला का आयोजन किया गया है। हालांकि इसमें रावण के दरबार में फूहड़ नृत्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें राक्षस छत पे सोया था बहनोई पर नाचते दिख रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Wed, 18 Oct 2023 05:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पलवल। नवरात्र के दौरान और दशहरे से पहले देशभर में जगह-जगह भगवान राम की लीलाओं का मंचन रामलीला के रूप में होता है। इसमें उनके जन्म से लेकर रावण वध तक हर किस्से का मंचन होता है।
ज्यादातर लीलाओं में बेहद शालीनता और पवित्रता के साथ रामलीला का मंचन किया जाता है। हालांकि बीते दो दिन से सोशल मीडिया पर पलवल के कैंप में आयोजित रामलीला का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रावण के दरबार में कलाकार फूहड़ नृत्य का मंचन कर रहे हैं।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद से ही लोगों में काफी आक्रोश है। राष्ट्रीय बजरंग दल ने तो इसका मजबूती से विरोध किया है।
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वीडियो में क्या है?
दरअसल प्रसारित वीडियो में रावण का दरबार सजा हुआ है। इसमें एक कलाकार सिनेमा के गाने, 'छत पे सोया था बहनोई' पर डांस करती दिख रही है। धीरे-धीरे रावण के दरबार में बैठे राक्षस भी उसके साथ डांस करने लगते हैं।ये कौन सी रामलीला चल रही है...??😔😐 pic.twitter.com/JrfGylqteq
— POOJA TRIPATHI (@shalki_pj) October 18, 2023
राष्ट्रीय बजरंग दल को क्या है आपत्ति?
शहर के कैंप आयोजित रामलीला मंच पर हो रहा फूहड़ नृत्य और गाने को लेकर राष्ट्रीय बजरंगदल ने विरोध किया है। राष्ट्रीय बजरंगदल के क्षेत्रीय महामंत्री मुनीष भारद्वाज ने इस विषय पर रामलीला कमेटी के प्रधान सन्नी मदान को इसे बंद करने की चेतावनी दी है।
यह भी पढ़ें: Palwal: पाकिस्तान से आए लोगों ने की थी रामलीला, उर्दू में लिखते थे चौपाई; ऐसे हुई थी शुरुआतमुनीष ने कहा कि इस तरह का आयोजन सनातन धर्म को अपमानित करता है और हमारी धार्मिक सांस्कृतिक विरासत को भी समाप्त करने का जाने-अनजाने में प्रयास है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी धार्मिक आयोजन जागरण या रामलीला इत्यादि में हिंदू धर्म का मजाक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को भी ऐसे आयोजनों पर नजर रखनी चाहिए।
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